गुवाहाटी, 16 जून असम सरकार ने अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के छह समुदायों और गैर क्रीमी लेयर से संबंधित अधिकांश अन्य पिछड़ी जाति (एमओबीसी) के लिए राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस की आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बृहस्पतिवार को यह फैसला लिया गया।
इसकी जानकारी देते हुए जल संसाधन मंत्री पीजूष हजारिका ने कहा कि मुख्यमंत्री शर्मा ने राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए असम के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं दंत महाविद्यालयों में दाखिले से संबंधित एमबीबीएस/बीडीएस पाठ्यक्रम प्रथम वर्ष में दाखिला के लिए विनियमन, नियम, 2017 में संशोधन करने का फैसला किया है।
इस फैसले के बाद चाय बगान/पूर्व चाय बगान समुदायों/जनजातियों के बच्चों के लिए सीटों की संख्या मौजूदा 27 से बढ़ाकर 30, कोच राजबोंगशीस के लिए 10 से बढ़ाकर 13, ताई अहोम के लिए सात से बढ़ाकर 10 सीट, चुटिया समुदाय के लिए छह से बढ़ाकर नौ जबकि मोरन और मटक समुदाय के लिए मौजूदा पांच से बढ़ाकर आठ-आठ हो जाएंगी।
मंत्रिमंडल ने गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, सिलचर, जोरहाट, तेजपुर और बारपेटा के छह चिकित्सा महाविद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए एमबीबीएस की 10 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का फैसला किया है।
मंत्रिमंडल ने जल संसाधन विभाग के तहत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली के विकास और संचालन तथा बाढ़ एवं कटाव जोखिम प्रबंधन में सहयोग के उद्देश्य से एक हाइड्रो-इंफॉर्मेटिक्स यूनिट स्थापित करने और विभाग के बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना (ईएपी) विंग को मजबूत करने का भी निर्णय लिया।
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