ईटानगर, 15 अक्टूबर भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले के न्युकमादुंग में कामेंग संस्कृति और विरासत संग्रहालय स्थापित किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एक प्रेस विज्ञप्ति में गुवाहाटी स्थित सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) के तहत संग्रहालय सामुदायिक एकीकरण के माध्यम से शांति, सुरक्षा और राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता के सांस्कृतिक प्रकाश स्तंभ के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश का भारतीय सभ्यता से गहरा संबंध है, जिसका उल्लेख कलिका पुराण और महाभारत में मिलता है।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा कि यह संग्रहालय असंख्य ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों से की जानकारी से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय सेना और स्थानीय समुदाय का संयुक्त प्रयास है।
संग्रहालय को स्थानीय समुदाय द्वारा दान की गई भूमि पर तैयार किया गया है और उन्होंने 343 कलाकृतियां भी स्वैच्छा से दान की हैं। कामेंग सांस्कृतिक और विरासत संग्रहालय को राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान, कला इतिहास, संरक्षण एवं संग्रहालय विज्ञान द्वारा पेशेवर और सौंदर्यपूर्ण ढंग से संरक्षित किया गया है।
संग्रहालय में एक अत्याधुनिक मूवी हॉल है, जो अरुणाचल प्रदेश के भारत के साथ समृद्ध सांस्कृतिक और विरासत संबंधों को प्रदर्शित करता है। पर्यटकों के लिए एक जलपान स्थल और बच्चों का पार्क भी बनाया गया है।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने बताया कि संग्रहालय का उद्घाटन 23 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू द्वारा केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान और गजराज कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह की उपस्थिति में किया जाएगा।
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