इस्लामाबाद, पांच अक्टूबर इस्लामाबाद में सेना की तैनाती के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक प्रतीकात्मक जीत दर्ज करने के लिए राजधानी के मध्य में स्थित डी-चौक पहुंच गए, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
इस्लामाबाद और लाहौर में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़पें भी हुईं। लाहौर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मीनार-ए-पाकिस्तान मैदान की ओर मार्च करने की कोशिश की और इसे "करो या मरो" की स्थिति बताया।
पुलिस ने दिन भर आंसू गैस के गोले दागकर पीटीआई कार्यकर्ताओं और समर्थकों को इस्लामाबाद के डी-चौक तक पहुंचने से रोका, लेकिन बारिश और हवा की दिशा बदलने से धुआं पुलिसकर्मियों की ओर ही चला गया, जिससे प्रदर्शनकारी शाम को कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए। हालांकि, रात में करीब नौ बजे यह स्पष्ट नहीं था कि प्रदर्शनकारी वहीं रुकेंगे या वहां से चले जाएंगे। बारिश रुकने के बाद सुरक्षाकर्मी डी-चौक पर वापस लौट आए।
इससे पहले खान की पार्टी के विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए अधिकारियों ने इस्लामाबाद और लाहौर में सेना को बुला लिया था।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जो एक साल से अधिक समय से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। खान की पार्टी न्यायपालिका के साथ एकजुटता जताने और महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।
सेना के जवान आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 5 से 17 अक्टूबर तक शहर में रहेंगे। पाकिस्तान 15-16 अक्टूबर को एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
खान ने सरकार के आह्वान के बावजूद प्रदर्शन को स्थगित करने से इनकार कर दिया।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थकों के प्रदर्शन में भाग लेने के लिए डी-चौक पहुंचने के मद्देनजर यह तैनाती की गई है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थक इमरान खान की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं।
इमरान खान की पार्टी ने बाद में दावा किया कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री गंडापुर को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए राजधानी पहुंचे। हालांकि, गंडापुर की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पार्टी ने एक व्हाट्सएप संदेश में कहा, "केपी (खैबर पख्तूनख्वा प्रांत) के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को इस्लामाबाद में केपी हाउस से गिरफ्तार कर लिया गया है।"
इस बीच, अधिकारियों ने शनिवार को लाहौर को देश के बाकी हिस्सों से काट दिया, ताकि पीटीआई समर्थक ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान पर रैली करने के लिए एकत्र नहीं हो सकें।
पीएमएल-एन सरकार ने पंजाब प्रांत, खासकर राजधानी लाहौर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सेना को बुलाया है। सत्तारूढ़ शरीफ परिवार के निवास की ओर जाने वाली सभी सड़कों को भी बंद कर दिया गया है।
शहर के विभिन्न हिस्सों में और सभी प्रवेश और निकास स्थानों को बंद कर दिया गया है। मीनार-ए-पाकिस्तान के आसपास कर्फ्यू जैसी स्थिति है, जिसे अनिश्चितकाल के लिए आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। सरकार ने लाहौर के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी हैं।
पंजाब सरकार ने लाहौर और अन्य जगहों से 700 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। सरकार का कहना है कि सशस्त्र बल कानून व्यवस्था बनाए रखेंगे और विदेशी प्रतिनिधियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे।
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