चंडीगढ़, एक जनवरी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर 36,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने संबंधी विधेयक पर मंजूरी रोके रखने का आरोप लगाते हुए इसको लेकर उनके खिलाफ ‘धरना’ देने की चेतावनी दी।
चन्नी ने साथ ही पुरोहित पर भाजपा के दबाव में विधेयक को मंजूरी देने में देरी करने का भी आरोप लगाया।
पंजाब विधानसभा ने गत नवंबर में ‘पंजाब संरक्षण एवं संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण विधेयक-2021’ को पारित किया था।
इस विधेयक का उद्देश्य विभिन्न सरकारी विभागों में अनुबंध पर या तदर्थ, अस्थायी या दैनिक आधार पर काम करने वाले 36,000 कर्मचारियों को नियमित करना है।
चन्नी ने अपने शासन के 100 दिन की रिपोर्ट कार्ड देने के लिए यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 36,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कानून बनाया है।
चन्नी ने आरोप लगाया, ‘‘हालांकि राज्यपाल ने कुछ राजनीतिक कारणों से फाइल (विधेयक से संबंधित) रोक रखी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर पहले ही राज्यपाल से मिल चुके हैं, जबकि मुख्य सचिव भी राज्यपाल से दो बार मिल चुके हैं।
चन्नी ने कहा कि वह मंत्रियों के साथ सोमवार को फिर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह ऐसा नहीं करते (फाइल को मंजूरी देना) तो यह राजनीति है। हमें धरना देना होगा, हम वह करेंगे लेकिन हमें कर्मचारियों को नियमित करना है। एक कानून बनाया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फाइल को मंजूरी देना उनकी (गवर्नर) जिम्मेदारी है। पहले मुझे लगा कि वह कहीं व्यस्त हैं, लेकिन जैसा कि मैं उनसे पहले ही मिल चुका हूं और मुख्य सचिव भी उनसे मिल चुके है, अब यह राजनीति है, क्योंकि भाजपा का दबाव है, उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिए।’’
पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले, चन्नी सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के अपने वादे को पूरा नहीं करने के लिए अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर थी।
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