जम्मू, 18 दिसंबर जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा घोषित भूमि उपयोग कानूनों में हालिया बदलावों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने शनिवार को यह निर्णय तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
बुखारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कृषि भूमि को सरकार द्वारा उसकी भू-उपयोग की स्थिति में किसी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में मनमाने ढंग से निर्णय लेने से लोगों में अलगाव की भावना बढ़ेगी।
अपनी पार्टी के नेता ने कहा, "इस तरह के नीतिगत फैसले एक चुनी हुई सरकार के विशेषाधिकार होते हैं, और वर्तमान सरकार को ऐसे एकतरफा कदम उठाने से बचना चाहिए, जो उसके जनादेश पर सवालिया निशान लगाते हैं।"
केंद्र द्वारा समय-समय पर दिए गए आश्वासनों के मद्देनजर, और सर्वोच्च न्यायालय और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के निर्देशों के आलोक में, कृषि भूमि को गैर-कृषि प्रयोजनों, विशेष रूप से राज्य के गैर-निवासियों के लिए भू-उपयोग में रूपांतरण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने भी तेजी से सिकुड़ती कृषि जोत भूमि और समग्र फसल उत्पादन पर इसके नतीजों को देखते हुए राज्य में भू-उपयोग में रूपांतरण पर भी रोक लगा दी है। पिछले कुछ वर्षों में फसल उत्पादन में भारी गिरावट देखी गई है।"
पूर्व मंत्री ने कहा कि भू-उपयोग नीति पर नवीनतम निर्णय गैर-कृषि गतिविधियों के द्वार खोलेगा और खाद्यान्न के आयात पर जम्मू-कश्मीर के लोगों की निर्भरता को और बढ़ाएगा।
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