मुजफ्फरनगर (उप्र), 24 दिसंबर मुजफ्फरनगर की विशेष सांसद/विधायक अदालत ने जीएसटी छापे के मामले में पूर्व सांसद कादिर राणा और उनके बहनोई यूसुफ की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
विशेष न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पुलिस ने पांच दिसंबर को यहां एक कारखाने में छापेमारी के दौरान जीएसटी अधिकारी की कार में तोड़फोड़ करने और जीएसटी टीम के काम में बाधा डालने के आरोप में लगभग 300 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने पहले कहा था कि कारखाने में छापेमारी के दौरान जीएसटी अधिकारी की कार में तोड़फोड़ करने और जीएसटी टीम के आधिकारिक कर्तव्यों में बाधा डालने के आरोप में पूर्व सांसद कादिर राणा की दो बेटियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापति ने पहले कहा था, "घटना में 300 लोग शामिल थे, और स्थिति तब और बिगड़ गई जब जीएसटी टीम, उप निदेशक शारिया गुप्ता के नेतृत्व में राणा की स्टील फैक्ट्री का निरीक्षण करने पहुंची। भीड़ ने अधिकारियों की कार पर पथराव करना शुरू कर दिया, वाहन को नुकसान पहुंचाया और जीएसटी टीम के काम में बाधा डाली।"
इस मामले में राणा की बेटियों - सादिया और सारिया तथा उनके भतीजे सद्दाम राणा सहित चार लोगों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
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