ऑस्ट्रेलिया में अधिकारियों ने उस विशाल मगरमच्छ को मार दिया है जिस पर एक इंसान को अपना शिकार बनाने के आरोप लगे हैं. ऑस्ट्रेलिया में एक महीने के भीतर दूसरी बार किसी मगरमच्छ को मारा गया है.पुलिस के मुताबिक इस मगरमच्छ का शिकार न्यू साउथ वेल्स का रहने वाला 40 साल का एक शख्स बना था. वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ छुट्टी मनाने के लिए क्वींसलैंड स्टेट में ट्रेलर से यात्रा कर रहा था. इसी दौरान शनिवार को वह मछली पकड़ रहा था. कंजर्वेशन अफसर डानियल गुयमर का कहना है कि वह कुकटाउन के दक्षिण में मौजूद अन्नान नदी में गिर गया. उसका शव अब तक नहीं मिला है.
कुकटाउन निवासी बार्ट हैरिसन ने बताया कि एक तीखे ढाल वाला किनारा पीड़ित के पैरों के नीचे से ढह गया और वह छह मीटर से ज्यादा गहरी नदी में गिर गया. इस नदी में मगरमच्छों का बसेरा है. हैरिसन ने बताया, "वहां बिल्कुल सीधी चढ़ाई और ढलान है. यह मछली पकड़ने के लिए अच्छी जगह है." हैरिसन ने यह भी कहा, "हम वहां मगरमच्छों को तैरते हुए देखते बड़े हुए हैं. मैं किनारों के करीब नहीं जाता. वहां हमेशा एक-दो बड़े मगरमच्छ रहते हैं."
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मगरमच्छ को मानवीय मौत
गुयमर का कहना है कि संदिग्ध मगरमच्छ की नाक पर एक चोट थी और वह हादसे वाली जगह से करीब चार किलोमीटर दर एक खाई में मिला. कुछ चश्मदीदों ने उस मगरमच्छ को उस इलाके में देखा था. स्थानीय लोग उसे क्रोकोडाइल बेंड के रूप में जानते हैं. गुयमर ने पत्रकारों से कहा, "वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने लगभग 4.9 मीटर लंबे मगरमच्छ को मानवीय तरीके से मौत दे दिया, उसे जानलेवा हमलों के लिए जिम्मेदार माना गया है." गुयमर का यह भी कहना है, "उसके थूथन पर निशान थे जिनसे यह तय हुआ कि यह वही जानवर है जिसे ढूंढा जा रहा था."
इसी साल 2 जुलाई को 12 साल की एक लड़की को अपने परिवार के साथ पास के नॉर्दर्न टेरिटरी की एक संकरी खाड़ी में तैरते हुए एक मगरमच्छ खींच ले गया. कई दिनों बाद उसका अवशेष मिला. इसके बाद वन्यजीव अधिकारियों ने करीब 4.2 मीटर लंबे मगरमच्छ को गोली मार दी. इस साल यह ऑस्ट्रेलिया में मगरमच्छ का तीसरा हमला था. अब तक सबसे ज्यादा हमलों का रिकॉर्ड 2014 में बना था जब चार लोग मगरमच्छों के शिकार बने. 18, अप्रैल को 16 साल का एक लड़का क्वींसलैंड द्वीप के तट पर तैरते हुए मगरमच्छ का शिकार बना.
चार्ल्स डार्विन यूनिवर्सिटी में मगरमच्छों के विशेषज्ञ ब्रैंडन साइडल्यू का कहना है कि ताजा घटना जहां हुई है वहां शायद वहां दो बड़े मगरमच्छ रहे होंगे. इन जगहों पर सड़क हादसों का शिकार बने कंगारुओं को लोग अवैध रूप से मगरमच्छों को खिला देते हैं. मगरगच्छों ने यह जान लिया है कि इंसानों के आसपास भोजन की संभावना रहती है.
मगरमच्छों की बढ़ती आबादी
ऑस्ट्रेलिया के उष्णकटिबंधीय उत्तरी इलाके में मगरमच्छों की आबादी विस्फोटक स्तर पर पहुंच गई है. इस विशालकाय सरीसृप की उम्र करीब 70 साल तक होती है. 1970 के दशक में एक ऑस्ट्रेलियाई कानून के तहत इन्हें संरक्षित जीवों में शामिल कर दिया गया. साइडल्यू का कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में मगरमच्छों के हमले में मरने वालों की संख्या इतने ऊपर नीचे क्यों होती है, इसके कोई सबूत नहीं हैं. हाल के दशकों में कई वर्षों तक कोई मौत नहीं हुई थी. साइडल्यू का कहना है, "ऑस्ट्रेलिया में सारे हमलों को उचित सावधानी से रोका जा सकता है."
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सरकारी अधिकारी सोशल मीडिया पर दिखे उस वीडियो की जांच कर रहे हैं जिसमें मगरमच्छ को खाना खिलाते हुए देखा गया था. यह उसी नदी का वीडियो था. गुयमर ने चेतावनी दी है कि वन्यजीवों को खाना खिलाना खतरनाक है. क्वींसलैंड में इस गलती के लिए लगभग 6,500 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना है. गुयमर का कहना है, "निश्चित रूप से यह बहुत, बहुत चिंताजनक व्यवहार है. यह बहुत जोखिमभरा और बड़ी लापरवाही है."
एनआर/ओएसजे (एपी)