महिषादल (पश्चिम बंगाल), 29 नवंबर तृणमूल कांग्रेस के असंतुष्ट नेता शुभेंदु अधिकारी के ममता बनर्जी सरकार से इस्तीफे के बाद उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर जारी अटकलों के बीच उन्होंने रविवार को कहा कि अंतिम फैसला जनता का होगा।
पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए अधिकारी ने कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया और आजादी के संघर्ष में अपने गृह जिले पूर्वी मेदिनीपुर के योगदान को याद किया।
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उन्होंने कहा, ‘‘हम राष्ट्रवादी कार्यक्रम आयोजित करेंगे और ब्रिटिश शासन के खिलाफ तामलुक की जनता के बलिदानों को याद करेंगे। हम हमारे संविधान के निर्माताओं को याद करेंगे जो ‘जनता के लिए, जनता का, जनता द्वारा’ के सिद्धांत में विश्वास रखते थे।’’
ताम्रलिप्त जनकल्याण समिति के अध्यक्ष अधिकारी ने कहा कि संगठन के बैनर तले दिसंबर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे और तामलुक में 1942 के स्वतंत्रता संघर्ष को याद करेंगे।
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उन्होंने कहा कि हर साल की तरह संगठन तीन दिसंबर को स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के जन्मस्थान पर उनकी जयंती मनाएगा और 17 दिसंबर को तामलुक में 1942 में बनी ‘ताम्रलिप्त नेशनल गवर्नमेंट’ को याद किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी रंजीत बोयल की याद में रैली के आयोजन की तैयारियां लंबे समय से चल रही थीं और इनका उनके इस्तीफे से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम दिसंबर से अगले साल अगस्त तक कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि अंतिम निर्णय जनता लेगी।’’
महिषादल से करीब 10 किलोमीटर दूर हल्दिया में प्रदेश सरकार के मंत्रियों राजीब बनर्जी और सुजीत बोस ने तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई की एक रैली का नेतृत्व किया।
बोस ने कहा, ‘‘जो बंगाल को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, कभी सफल नहीं होंगे। हमारी नेता ममता बनर्जी हैं, जिन्होंने सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलनों की अगुवाई की थी। वह जनता की सच्ची नेता हैं।’’
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