देश की खबरें | वकीलों की हड़ताल पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चिंता जताई

प्रयागराज, चार अगस्त प्रयागराज के मंडलायुक्त की अदालत में वकीलों के प्राय: न्यायिक कार्य से दूर रहने को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सभी जिला न्यायाधीशों और क्षेत्र के आयुक्तों को अधिवक्ता संघों के जरिए अधिवक्ताओं को अदालती कामकाज और वादियों की दुर्दशा पर हड़ताल के प्रभाव के बारे में संवेदनशील बनाने को कहा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला ने प्रफुल्ल कुमार नाम के एक व्यक्ति की याचिका खारिज करते हुए पारित किया।

कुमार ने प्रयागराज के मंडलायुक्त की अदालत में 2014 से लंबित मामले के निस्तारण में तेजी लाने का अदालत से निर्देश जारी करने का आग्रह किया था।

अदालत ने याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत देने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने की वजह से उसका मामला लंबित रहा।

इसने इस मामले की ‘ऑर्डर शीट’ देखने के बाद कहा, “वर्ष 2014 से ऑर्डर शीट देखने से पता चलता है कि कुछ दिनों को छोड़कर पूरे साल वकील न्यायिक कार्य से विरत रहे। यह भी देखने में आया है कि वकील नियमित रूप से काम से दूरी बनाए रखे हुए हैं।”

अदालत ने कहा कि इससे निचली अदालतों खासकर राजस्व के मामले में अदालतों में खराब स्थिति का पता चलता है।

इसने अपनी रजिस्ट्री को इस आदेश की प्रति संबंधित अधिवक्ता संघों को 15 दिन के भीतर भेजने का निर्देश दिया ताकि अधिवक्ताओं को अदालत के कामकाज और वादियों की दुर्दशा के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके।

अदालत ने अपनी रजिस्ट्री को इस आदेश की प्रति सभी जिला न्यायाधीशों और मंडलायुक्तों को भी भेजने को कहा जिससे वे इस आदेश की प्रति सभी अधिवक्ता संघों को भेज सकें।

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