देश की खबरें | इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया

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प्रयागराज (उप्र), 21 जनवरी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रेलवे के अधिकारियों को रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने बृहस्पतिवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि रेलवे प्रशासन रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण रोकने के अपने दायित्व का निर्वहन करने में बुरी तरह से विफल रहा है। पीठ ने कहा, ‘‘रेलवे के अधिकारी रेलवे की जमीन पर कब्जेदारों को तत्काल नोटिस जारी करेंगे और उन्हें नोटिस जारी होने की तारीख से तीन सप्ताह के भीतर जमीन खाली करने को कहेंगे।’’

अदालत ने कहा, ‘‘यदि कब्जेदार नोटिस जारी होने के बावजूद जमीन खाली नहीं करता है तो रेलवे के अधिकारियों के पास बलपूर्वक जमीन खाली कराने या अनाधिकृत निर्माण को ध्वस्त के लिए उचित कार्रवाई करने का विकल्प खुला रहेगा। इस कार्य के लिए वे स्थानीय पुलिस की मदद ले सकते हैं। संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक या पुलिस आयुक्त से यह अपेक्षा की जाती है कि वह रेलवे के अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।’’

पीठ ने रेलवे के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने निर्देश दिया कि खाली कराई गई जमीन पर कोई नया अतिक्रमण ना हो और अगर कोई अतिक्रमण होता है तो उसका विवरण, भूमि सीमा सत्यापन रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

पीठ ने एक रिट याचिका का निपटारा करते हुए कहा, ‘‘हमें आशा और विश्वास है कि इन निर्देशों के अनुपालन से यह सुनिश्चित होगा कि इस प्रकार का कोई मामला सामने ना आए और रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण की समस्या का अंततः निदान हो जाए।’’

यह याचिका प्रयागराज के अनूप कुमार मिश्रा ने दायर की थी जिसमें कहा गया कि रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। रेलवे के अधिकारियों को इसकी जानकारी है लेकिन वे अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।

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