देश की खबरें | जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए सभी मिल कर कार्य करें : कलराज मिश्र

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को कहा कि जनजातीय समुदाय की नैसर्गिक प्रतिभाओं को विकास के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

जयपुर, 24 अप्रैल राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को कहा कि जनजातीय समुदाय की नैसर्गिक प्रतिभाओं को विकास के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा में लाने और इनके समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए सभी को मिल कर कार्य करना होगा। मिश्र बांसवाड़ा में आयोजित स्काउट-गाइड राष्ट्रीय जनजाति महोत्सव में रविवार को जयपुर स्थित राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल के तौर पर जनजातीय कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय ने आजादी के आंदोलन में जो भूमिका निभाई, उसे कभी कोई भुला नहीं सकता, जनजातीय समुदाय भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए कला, संस्कृति और शिल्प वैभव से जुड़े जनजातीय समुदाय के कार्यों और परम्पराओं का व्यापक स्तर पर संरक्षण जरूरी है।

राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय समुदाय के उत्थान और उनके सर्वांगीण विकास की सामूहिक सोच के साथ देश में 15 नवम्बर, 2021 को ‘‘जनजाति गौरव दिवस’’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि जनजातियों के सशक्तिकरण के लिए देशभर में की जा रही पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं, परन्तु अभी इस दिशा में और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

मिश्र ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सोच के साथ भारत स्काउट और गाइड संगठन ने विश्वभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि स्काउट-गाइड संगठन से जुड़े छात्र-छात्राएं धर्म, जाति, संप्रदाय, रूप-रंग और लिंग भेद से ऊपर उठकर मानव मात्र की सेवा को अपना परम ध्येय मानकर कार्य करते हैं।

उन्होंने स्काउट-गाइड संगठन से जनजातीय समुदाय की रूढ़ियों और कुरीतियां को दूर करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने 4 जनवरी से 10 जनवरी 2023 तक पाली जिले के रोहट कस्बे में 18वीं राष्ट्रीय स्काउट गाइड जम्बूरी के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों और सार्क देशों के स्काउट एवं गाइड के साथ-साथ जनजातीय क्षेत्रों के प्रतिभावान बालक-बालिकाओं को भी सहभागिता करने का अवसर मिलना चाहिए।

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