लखनऊ, 19 फरवरी समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव में धांधली के आरोपी द्वारा कथित रूप से अपना जुर्म कुबूल किए जाने पर सोमवार को कहा कि इससे जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता की किस कदर भूखी है तथा उसे देश से माफी मांग कर हर जगह सत्ता छोड़ देनी चाहिए।
यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, "चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपाई पीठासीन अधिकारी द्वारा चुनाव में धांधली करने का जुर्म क़ुबूल किया जाना दिखाता है कि भाजपा किस तरह से सत्ता की भूखी है। वैधानिक और संवैधानिक आधार पर भाजपा को पूरे देश से माफ़ी मांगकर हर जगह सत्ता छोड़ देनी चाहिए।"
उन्होंने इसी टिप्पणी में कहा, "सरेआम लोकतंत्र की हत्या जैसे इस शर्मनाक कृत्य के लिए भाजपा समर्थकों को सिर झुका लेना चाहिए। उन्हें समझ लेना चाहिए कि भाजपा किस प्रकार हर चुनाव चोरी और घपलों से जीत रही है।”
यादव ने कहा, “ऐसे लोगों के हाथ में न देश सुरक्षित है न उनका अपना वर्तमान और न ही उनके बच्चों का भविष्य। आज का दिन भाजपाई समर्थकों के लिए नैतिक-शोक का दिन है।"
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "इस घटना से वो अधिकारी भी सबक लें जो सरकार के दबाव में आकर आपराधिक काम करते हैं। इससे उनका और उनके परिवारों का जीवन बर्बाद हो जाएगा क्योंकि ऐसे अपराध किसी देशद्रोह से कम नहीं है, जिसकी सख़्त सज़ा उन्हें मिलेगी ही।"
उन्होंने कहा, "अब अधिकारियों को समझ लेना चाहिए कि भाजपाई उनका इस्तेमाल करके उन्हें दूध में से मक्खी की तरह निकाल फेंकेंगे और हमेशा के लिए शर्म और अपमान भरी ज़िंदगी जीने के लिए सलाखों के पीछे अकेला छोड़ देंगे। वो अपने बच्चों और समाज के सामने मुंह दिखाने लायक़ नहीं रहेंगे। अधिकारी याद रखें फ़रेबी किसी के सगे नहीं होते हैं।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मनोज सोनकर ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी जिससे कांग्रेस- आम आदमी पार्टी (आप) गठबंधन के गठबंधन को झटका लगा था।
सोनकर ने महापौर पद के लिए हुए चुनाव में ‘आप’ के कुलदीप कुमार को हराया था। सोनकर को 16, जबकि कुमार को 12 वोट मिले थे तथा आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे। निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह पर आठ मतों को ‘‘विरूपित’’ करने का आरोप लगा है।
पांच फरवरी को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को ‘‘विरूपित’’ किया है और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अदालत ने इसे ‘‘हत्या’’ के समान करार देते हुए ‘‘लोकतंत्र का मजाक’’ बताया था।
न्यायाधीशों के सवालों का जवाब देते हुए, मसीह ने कहा कि उन्होंने पहले से ही ‘‘विरूपित’’ आठ मतपत्रों पर ‘‘एक्स’’ चिह्न लगाया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों पर हंगामा करने और मतपत्र छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते वह मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तरफ देख रहे थे।
निर्वाचन अधिकारी ने आठ मतपत्रों पर ‘‘एक्स’’ निशान लगाने की बात स्वीकार करते हुए दावा किया कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया ताकि वे मिश्रित न हो जाएं।
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘आप मतपत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। लेकिन आप उन मतपत्रों पर ‘एक्स’ चिह्न क्यों लगा रहे थे।’’
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