देश की खबरें | दिल्ली में वायु गुणवत्ता 14वें दिन भी 'बेहद खराब', 17 नवंबर से तापमान में गिरावट की संभावना
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नयी दिल्ली, 12 नवंबर दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को लगातार 14वें दिन भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही और एक्यूआई 334 दर्ज किया गया। शहर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण 15.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वाहनों से निकलने वाला धुंआ रहा।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 30 अक्टूबर से लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में 30 अक्टूबर को एक्यूआई 307 दर्ज किया गया था।
एक्यूआई के वर्गीकरण के अनुसार, शून्य से 50 की श्रेणी को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ तथा 401-500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार अगले दो दिनों तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में सबसे अधिक हिस्सेदारी वाहनों से होने वाला उत्सर्जन का होगा और यह करीब 10 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला 24 घंटे का औसत एक्यूआई 334 रहा जबकि सोमवार को यह 354 था। आनंद विहार के निगरानी केंद्र के मुताबिक इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया।
देशभर में दिल्ली सहित तीन वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में आबोहवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। बिहार के हाजीपुर केंद्र पर एक्यूआई 427 दर्ज किया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
आंकड़ों के अनुसार दिल्ली देश में चौथा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर रहा जो हाजीपुर, चंडीगढ़ (343) और पटना (340) से पीछे है।
इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार मंगलवार को दिल्ली में प्रमुख प्रदूषक पीएम10 था।
परिवहन के अलावा दिल्ली के प्रदूषण के अन्य कारकों में किसानों द्वारा पराली जलाना भी है।
दिल्ली स्थित स्वतंत्र थिंक टैंक ‘काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर’ (सीईईडब्ल्यू) की कार्यक्रम प्रमुख प्रियंका सिंह ने कहा कि केवल 10 नवंबर और 12 नवंबर को छोड़कर इस महीने एक्यूआई लगातार 350 से ऊपर रहा है। उन्होंने बताया कि 10 और 12 नवंबर को हवा की गति के कारण एक्यूआई 334 दर्ज किया गया था। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में इस साल नवंबर में असामान्य रूप से अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है।
महीने के दूसरे सप्ताह तक दैनिक अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है जबकि रात्रि का तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और 18 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है। यह पिछले वर्षों के विपरीत है जब पारा सामान्यतः 10 डिग्री सेल्सियस और 15 डिग्री सेल्सियस के बीच गिर जाता था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने मौसम की वर्तमान प्रवृत्ति और सर्दी आने में देरी के बारे में ‘पीटीआई ’ से कहा, ‘‘हर साल मौसमी हवाओं और तापमान में गिरावट की एक प्रवृत्ति सर्दियों की शुरुआत के साथ बनती है। लेकिन इस साल वे स्थितियां अभी तक नहीं बनी हैं।’’
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