हैदराबाद, सात जनवरी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने चीन नीति को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर मंगलवार को निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या पूर्वी लद्दाख के गलवान में गश्त के अधिकार को ‘‘बहाल’’ करने की कोई योजना है।
उन्होंने दावा किया कि दो काउंटी के गठन को लेकर चीन के समक्ष भारत सरकार का हालिया विरोध तथा ब्रह्मपुत्र पर नये बांध पर ‘‘ पुनर्विचार करने के अनुरोध’’ का असर पड़ोसी देश पर नहीं होगा।
ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘ क्या हमारे पास गलवान, हॉट स्प्रिंग, गोगरा, पैंगोंग और कैलाश रेंज में अपने सैनिकों के लिए गश्त के अधिकार बहाल कराने की कोई योजना है? क्या हमने पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने की उम्मीद पूरी तरह छोड़ दी है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा पूरी तरह से कुप्रबंधन का शिकार है, विशेष रूप से मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में, बल्कि समान रूप से चिंताजनक बात यह भी है कि ‘‘भारत की बाह्य सुरक्षा का भी कुप्रबंधन हो रहा है’’, जहां सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण के निरंतर प्रयासों से स्थिति और खराब होने की आशंका है।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने आरोप लगाया कि (प्रधानमंत्री नरेन्द्र)मोदी सरकार संसद में इन गंभीर मुद्दों पर बहस की अनुमति नहीं देती।
भारत ने तीन जनवरी को कहा कि उसने होतान प्रांत में दो नए काउंटी के गठन को लेकर चीन के समक्ष ‘‘कड़ा विरोध’’ दर्ज कराया है और इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह के कदम क्षेत्र में पड़ोसी देश के ‘‘अवैध और जबरन’’ कब्जे को वैधता प्रदान नहीं करेंगे।
एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि देश की कूटनीति ‘‘मोदी द्वारा श्रीमती जिल बाइडन को महंगे हीरे उपहार में देने’’ तक सीमित हो गई है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को भेंट किया गया 20,000 अमेरिकी डॉलर का हीरा 2023 में किसी भी विश्व नेता द्वारा बाइडन परिवार को दिया गया सबसे महंगा उपहार है।
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