नयी दिल्ली, नौ दिसंबर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने सुरक्षा और ऊर्जा दक्षता पर ‘ट्रक ड्राइविंग’ व्यवहार का मूल्यांकन करने के लिए एक एआई संचालित मोबाइल ऐप विकसित किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मोबाइल एप्लीकेशन पूर्वानुमानित अलर्ट भी भेजता है, जो सड़क अवसंरचना के स्थैतिक संदर्भ के सापेक्ष अपर्याप्त ड्राइविंग व्यवहार के बारे में ड्राइवरों को सूचित करता है और इसमें उन डीजल ट्रकों के ड्राइवरों को नामांकित किया जाएगा जो न्यूनतम 4,000 किमी प्रति माह की लंबी दूरी पर परिचालन कर रहे हैं।।
आईआईटी मद्रास में ‘जीरो एमिशन ट्रकिंग’ के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओईजेडईटी) ने दो प्रमुख परियोजनाएं शुरू की हैं।
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामकोटि के अनुसार, इसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक ट्रकों की तरह ‘जीरो एमिशन ट्रक’ (जेट) को अपनाने में तेजी लाना है क्योंकि सभी वाहनों में ट्रक केवल 5 प्रतिशत हैं, लेकिन वे लगभग 65 प्रतिशत डीजल की खपत करते हैं, जिससे काफी प्रदूषण होता है और ईंधन की खपत एवं लागत अधिक होती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो ट्रक विद्युतीकरण के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ काम कर रहे हैं और आईआईटी मद्रास इस सबसे उपेक्षित समुदाय के साथ जुड़ रहा है जो ई-ट्रकों को अपनाने में सबसे महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
आईआईटी मद्रास के निदेशक ने बताया कि भारत का ट्रक उद्योग तेजी से विकास की राह पर है और माल ढुलाई सड़क-आधारित परिवहन का 70 प्रतिशत हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पहल से भारत को ट्रकों के विद्युतीकरण में तेजी लाने में मदद मिलने की उम्मीद है, जिससे पेट्रोलियम के आयात की लागत में बचत होगी, प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा, उत्सर्जन में कमी आएगी और चालक की सुविधा और कल्याण में वृद्धि होगी।’’
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