जरुरी जानकारी | कृषि मंत्री ने दिल्ली के पूसा में प्लांट अथॉरिटी के नए भवन का किया शिलान्यास किया
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नयी दिल्ली, 22 जुलाई केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के पूसा परिसर में पौध प्राधिकरण भवन का शिलान्यास किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नीति-2016 को नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाओं व संशोधनों के जरिये लागू की गयी है और पौधों किस्में एवं किसान अधिकार प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) की सुरक्षा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय से संबद्ध है।
तोमर ने कहा, ‘पौधा प्राधिकरण के माध्यम से किसानों के अधिकारों का संरक्षण हो रहा है, जिसके लिए भारतीय संसद ने दुनिया के लिए यह एक अनूठा मॉडल दिया है। इससे किसान अपनी परंपरागत किस्मों के ऊपर और किसी अन्य किस्म के अपने ही पैदा किए हुए बीज के ऊपर अधिकार प्राप्त कर सकता है। साथ ही, यह भी सुविधा है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन से किसानों का शोषण न हो। किसान पहले की तरह स्वतंत्रता से खेती कर सकते हैं व पौधा प्रजनक भी अपने पूरे अधिकार का संरक्षण कर सकते है।’’
इससे किसानों को उनकी पारंपरिक किस्मों और उनके द्वारा उत्पादित किसी भी अन्य किस्म के बीजों पर अधिकार मिल सकता है। यह यह भी सुनिश्चित करता है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन से किसानों का शोषण न हो।
आईपीआर वाणिज्य मंत्रालय से सम्बद्ध है, जबकि पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से सम्बद्ध है और केवल इसी आईपीआर के लिए फसलों को उगाया जाता है तथा तुलना व विश्लेषण के बाद पूरी तरह से अनुसंधान द्वारा सृजित प्रायोगिक डाटा के बाद ब्रीडर द्वारा किए गए दावे को सत्यापित करने के बाद ही प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।
नई आईपीआर नीति के तहत, आईपीआर प्राधिकरणों को सरकार द्वारा आवश्यक जनशक्ति व बुनियादी ढांचा प्रदान कर मजबूत किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भवन निर्माण के रूप में ये बड़ा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराकर पीपीवीएफआरए को भी सशक्त किया रहा है।
इसमें कहा गया है कि केवल इसी आईपीआर के लिए फसल को उगाया जाता है तथा तुलना और विश्लेषण के बाद पूरी तरह से अनुसंधापन द्वारा सृजित प्रायोगिक डाटा के बाद ब्रीडर द्वारा किये गये दावे को सत्यापित करने के बाद ही प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। नई आईपीआर नीति के तहत आईपीआर प्राधिकरणों को सरकार द्वारा आवश्यक जनशक्ति और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराकर मजबूत किया जा रहा है।
इस मौके पर तोमर ने कहा कि पौध प्राधिकरण के जरिए किसानों के अधिकारों की रक्षा की जा रही है।
उम्मीद है कि अगले साल से नए कार्यालय भवन पर काम शुरू हो जाएगा।
इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे, कृषि सचिव संजय अग्रवाल, राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण के सीईओ अशोक दलवई, पीपीवीएफआरए के अध्यक्ष के वी प्रभु, संयुक्त सचिव (बीज) अश्विनी कुमार, एएसआरबी के अध्यक्ष एके मिश्रा भी उपस्थित थे।
तोमर ने राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के कार्यालय का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि समिति, पीएम-किसान योजना, किसान मानधन योजना, कृषि बुनियादी ढांचा कोष तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक परियोजना निगरानी इकाई के रूप में कार्य करेगी।
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के खातों में 1.37 लाख करोड़ रुपये की राशि भेजी गयी है।
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