नयी दिल्ली, एक फरवरी सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को चालू वित्त वर्ष के 16.50 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 18 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी यहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में पत्रकारों को बजट प्रस्तावों के बारे में जानकारी दे रहे थे।
बजट पेश किये जाने से पहले वित्त विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले राजेश वर्मा ने कहा, ‘‘अगले वर्ष के लिए, कृषि ऋण के लिए 18 लाख करोड़ रुपये का हमारा लक्ष्य है। इस वर्ष, लक्ष्य 16.50 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें से 75 प्रतिशत का वितरण किया जा चुका है।’’
आर्थिक समीक्षा के अनुसार, 16.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2021-22 वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान किसानों को लगभग 7.36 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण वितरित किया गया है।
वर्मा ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान, वितरित कृषि ऋण 10.65 लाख करोड़ रुपये था।
आमतौर पर कृषि ऋण पर नौ प्रतिशत का ब्याज लगता है। हालांकि, सरकार सस्ती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए ब्याज सहायता प्रदान कर रही है।
सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान कर रही है कि किसानों को सात प्रतिशत सालाना की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण मिले।
औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों की पहुंच बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने गारंटी मुक्त कृषि ऋण की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है।
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