रूद्रप्रयाग, 19 सितंबर: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और व्यवसायी 10 साल पहले आपदा में तबाह हुए अपने घरों और दुकानों का मालिकाना हक दिए जाने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित समाज की मुख्य संस्था केदार सभा के आह्वान पर पिछले चार दिनों से यह आंदोलन चल रहा है . मंगलवार को भी खराब मौसम के बीच आंदोलनस्थल पर टेंटों में दो तीर्थ पुरोहित आमरण अनशन पर बैठे रहे. अधिक निवेश के लिए धामी सरकार की नई नीति, सरकार की मेगा पहल के बारे में जानें सबकुछ.
केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि तीर्थ पुरोहित और व्यवसायी पिछले 10 साल से आपदा की भेंट चढ़ गए भवनों, दुकानों और भूमि का मालिकाना हक दिए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन इस पर उत्तराखंड सरकार का रवैया टालमटोल वाला रहा है.
उन्होंने बताया कि जिन चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है उनमें मुख्य रूप से 2013 की आपदा में पूरी तरह बह गए घरों के मालिकों को भूस्वामित्व के साथ नए भवन देने की मांग शामिल है. उनके मुताबिक, इसके अलावा मंदिर के चबूतरे के निर्माण के लिए जिन परिवारों की भूमि अधिग्रहीत की गई थी, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर भूस्वामित्व के साथ भवन दिए जाएं तथा जिन तीर्थ पुरोहितों का अनुबंध के आधार पर भवन अधिग्रहण किया गया है, उनके भवन जल्द तैयार कर भूस्वामित्व के साथ सौंपे जाएं.
उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाए गए सोने की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी इनमें शामिल है. तिवारी ने कहा कि केदारनाथ में चार दिन से आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार का रवैया अभी भी उदासीनता से भरा हुआ है .
केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन चंद्र बगवाड़ी ने भी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इस मामले पर बातचीत के लिए आगे क्यों नहीं आ रही है? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार का ऐसा ही रुख रहा तो बृहस्पतिवार से केदारनाथ में चल रहे कार्यों को बंद कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा .
केदारनाथ में आंदोलन के चलते एक दिन बाजार बंद रखा गया और एक दिन का क्रमिक अनशन भी केदार सभा के सदस्य कर चुके हैं. सोमवार से दो तीर्थ पुरोहित--संदीप सेमवाल और कमल तिवारी आंदोलन स्थल पर एक टेंट के भीतर आमरण अनशन पर बैठे हैं.
केदार सभा के अध्यक्ष तिवारी का कहना है कि आमरण अनशन पर बैठे एक साथी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. आंदोलनरत लोगों ने कहा कि 2013 में आयी केदारनाथ आपदा के समय पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त भवनों व दुकानों को पुनः बना कर देने का वादा किया गया था लेकिन यह आज तक पूरा नहीं हुआ . उन्होंने कहा कि कुछ भवनों को बनाया गया है लेकिन उनका मालिकाना हक नहीं मिलने से लोग भविष्य को ले कर आशंकित है . उन्होंने कहा कि मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा .
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