इस खबर से आर्थिक विकास को संभवत: नीचे की ओर ले जाने वाला दबाव पड़ सकता है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने अपने एक वाक्य के बयान में कोई ब्यौरा नहीं दिया और कहा कि जनसंख्या के आंकड़े बाद में बताए जाएंगे। लेकिन ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ की खबर पर प्रतिक्रिया देने का असामान्य फैसला मुद्दे की राजनीतिक संवेदनशीलता को दर्शाता है।
द फाइनेंशियल टाइम्स की खबर में कहा गया कि चीन की 2020 की जनगणना से अवगत लोगों को उम्मीद है कि 2019 में 1.4 अरब के पास पहुंची देश की आबादी में 1959-61 के बाद पहली बार गिरावट देखी जाएगी। उस वक्त सूखे की वजह से लाखों लोग मारे गए थे।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने 1980 से जनसंख्या नियंत्रण नियम लागू किए हुए हैं लेकिन एक साथ इतनी गिरावट से अर्थव्यवस्था में श्रमिकों का प्रवाह घट जाएगा वह भी ऐसे वक्त में जब देश विकास को बढ़ाने और गरीबी को हटाने का प्रयास कर रहा है।
एनबीएस ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारी समझ से, 2020 में, चीन की जनसंख्या बढ़ी है।”
एपी
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