देश की खबरें | कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के सीएमडी पार्थसारथी पर छापेमारी के बाद 700 करोड़ के शेयरों के लेन-देन पर रोक

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) के सीएमडी सी पार्थसारथी और अन्य के खिलाफ धनशोधन की जांच के तहत छापेमारी के बाद 700 करोड़ रुपये के शेयरों के लेन-देन पर रोक लगा दी है।

नयी दिल्ली, 25 सितंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) के सीएमडी सी पार्थसारथी और अन्य के खिलाफ धनशोधन की जांच के तहत छापेमारी के बाद 700 करोड़ रुपये के शेयरों के लेन-देन पर रोक लगा दी है।

वह पिछले महीने तेलंगाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद फिलहाल हैदराबाद की चंचलगुडा जेल में बंद हैं।

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ईडी ने 22 सितंबर को हैदराबाद में छह स्थानों और कार्वी समूह की कंपनियों के विभिन्न परिसरों, संबंधित संस्थाओं और सी पार्थसारथी के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की थी।

इसने कहा, “संपत्ति के दस्तावेजों, निजी डायरियों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, ईमेल आदि के रूप में अपराध साबित करने वाले साक्ष्यों को जब्त कर लिया गया है और उनकी जांच की जा रही है।”

एजेंसी ने कहा, “यह विश्वसनीय रूप से पता चला है कि सी पार्थसारथी निजी सौदों के माध्यम से समूह की कंपनियों में अपने शेयरों को उतारने की कोशिश कर रहे हैं और इस प्रकार, आगे की जांच तक अपराध को रोकने के लिए, ईडी ने 24 सितंबर को लेन-देन पर रोक संबंधी आदेश जारी किया और वर्ष 2019-20 के लिए मूल्यांकन करने पर इन शेयरों का अनुमानित मूल्य 700 करोड़ रुपये आया है।”

कार्वी समूह के ये शेयर "प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से" सीएमडी कोमांदूर पार्थसारथी, उनके पुत्र रजत पार्थसारथी और अधिराज पार्थसारथी और उनकी संस्थाओं से जुड़े थे।

ईडी ने कहा, “इंडसइंड बैंक के साथ 137 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए हैदराबाद पुलिस के केंद्रीय अपराध थाना द्वारा एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है और साइबराबाद पुलिस अधिकारियों द्वारा आईसीआईसीआई बैंक को 562.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए भी एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है।”

ईडी ने इन सभी प्राथमिकी को अपनी जांच के तहत मिला लिया है और जेल में सी पार्थसारथी का बयान भी दर्ज किया है।

एजेंसी ने कहा कि सी पार्थसारथी के नेतृत्व में केएसबीएल ने "घोर अनियमितताएं" की थीं और सभी अवैध रूप से लिए गए ऋण गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गई हैं।

ईडी ने कहा कि समझा जाता है कि अन्य बैंकों और व्यक्तिगत शेयरधारकों/निवेशकों द्वारा भी और प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं।

एजेंसी ने कहा एक ही कार्यप्रणाली का उपयोग कर कई बैंकों से लिया गया कुल ऋण लगभग 2,873 करोड़ रुपये है। साथ ही बताया कि एनएसई और सेबी भी केएसबीएल के मामलों की जांच कर रहे हैं।

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