देश की खबरें | कोटा में आईआईटी-जेईई अभ्यर्थी की मौत के बाद कोचिंग संस्थान पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज

अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का निवासी बहादुर सिंह (17) शुक्रवार की रात को महावीर नगर--II में अपने कमरे में मृत पाया गया था और शनिवार की सुबह उसका शव कमरे से निकाला गया। पुलिस को उसके कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ।

पुलिस ने बताया कि वह पिछले दो महीने से कोटा के विज्ञान नगर इलाके में एक कोचिंग संस्थान में आईआईटी-जेईई परीक्षा की तैयारी कर रहा था। रविवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने के लिए कोटा पहुंचे बहादुर के भाई जय भीम सिंह ने कोचिंग संस्थान पर 17 वर्षीय छात्र को परेशान करने और उसे संस्थान से निलंबित करने का आरोप लगाया जिसके कारण मजबूर होकर उसे अपनी जान लेनी पड़ी। महावीर नगर पुलिस थाने के सर्कल इंस्पेक्टर परमजीत सिंह ने बताया कि रविवार रात, पुलिस ने कोचिंग संस्थान के अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया और आगे की जांच शुरू कर दी है।

इससे पहले पुलिस ने मौत के असल कारणों की जांच के लिए सीआरपीसी की धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया था। डीएसपी हर्षराज सिंह ने बताया कि जय भीम ने अपनी शिकायत में कहा कि कोचिंग संस्थान ने बहादुर को परेशान किया और उसे संस्थान से निलंबित कर दिया, जिससे वह तनाव और अवसादग्रस्त हो गया और उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

जय भीम ने आगे आरोप लगाया कि संस्थान ने बहादुर के माफी मांगने के बावजूद उसका निलंबन रद्द नहीं किया। डीएसपी ने कहा शिकायतकर्ता ने एफआईआर में संस्थान का नाम नहीं लिया और केवल इतना कहा कि यह विज्ञान नगर के सिटी मॉल के पास स्थित है।

लेकिन रविवार दोपहर पोस्टमॉर्टम के बाद मीडिया से बात करते हुए जय भीम ने कहा कि बहादुर कोटा के फिजिक्स वाला विद्यापीठ में कोचिंग ले रहा था। खबर यह भी है कि पीड़ित लड़के की कुछ दिन पहले संस्थान के ही एक अन्य लड़के से झड़प हो गई थी, जिसके बाद उसे संस्थान से निलंबित कर दिया गया था।

सर्कल इंस्पेक्टर परमजीत पटेल ने बताया कि अपने सुसाइड नोट में बहादुर ने कहा कि वह पिछले दो वर्षों से एक गंभीर त्वचा रोग से पीड़ित था और इससे बहुत परेशान था। उन्होंने कहा कि लड़के ने अपने सुसाइड नोट में कोचिंग संस्थान द्वारा उत्पीड़न का कोई जिक्र नहीं किया है।

यह घटना इस साल कोटा में किसी कोचिंग छात्र द्वारा संदिग्ध आत्महत्या का 15वां मामला है।

पिछले साल, कम से कम 15 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या की। अनुमान है कि इस शैक्षणिक सत्र में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए 2.25 लाख से अधिक छात्र कोचिंग हब कोटा के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में कक्षाएं ले रहे हैं। सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों द्वारा लिए गये कई उपायों के बावजूद भी ऐसी आत्महत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

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