विदेश की खबरें | अफगानिस्तान तभी सफल होगा जब ‘डूरंड रेखा’ के पार से आतंकी गतिविधियां संचालित न हों : भारत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. भारत ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब ‘डूरंड रेखा’ के पार से अब और आतंकवादी गतिविधियों का संचालन नहीं हो।

संयुक्त राष्ट्र, 21 नवंबर भारत ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब ‘डूरंड रेखा’ के पार से अब और आतंकवादी गतिविधियों का संचालन नहीं हो।

भारत ने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और सुरक्षा परिषद को ऐसी ताकतों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए।

यह भी पढ़े | अमेरिका: मॉल में गोलीबारी में 8 लोग घायल, बंदूकधारी फरार.

डूरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हमारा विचार है कि शांति प्रक्रिया और हिंसा साथ में नहीं चल सकते और हम तत्काल समग्र संघर्ष विराम का आह्वान करते हैं। अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति के लिए हमें डूरंड रेखा के पार से संचालित आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना होगा।’’

यह भी पढ़े | US Presidential Election Result 2020: प्रेसिडेंशियल अकाउंट को जो बाइडेन को ट्रांसफर करने की तैयारी में है ट्विटर.

‘अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को समर्थन देने में सुरक्षा परिषद की भूमिका’ विषय पर आयोजित एरिया फॉर्मूला बैठक में उन्होंने कहा कि अलकायदा/दाएश प्रतिबंध समिति के तहत ‘एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शन्स मॉनिटरिंग टीम’ की रिपोर्ट में यह रेखांकित किया गया है कि अफगानिस्तान में विदेश लड़ाके मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा को खत्म करने के लिए आतंकवादियों की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ना होगा।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद हिंसा और आतंकवादी ताकतों तथा कृत्यों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोले तथा आतंकवादी ठिकानों और उनकी सुरक्षित पनाहों के खिलाफ कार्रवाई करे।’’

उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब डूरंड रेखा के पार से आतंकवादी गतिविधियों का संचालन नहीं हो। अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देने में आतंकवाद और हिंसा की कोई भूमिका नहीं हो सकती। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान या क्षेत्र के किसी अन्य देश को खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादियों को कोई पनाह नहीं दे।’’

तिरुमूर्ति ने कहा कि आज अफगानिस्तान गंभीर स्थिति में है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासतौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के लिए सभी संबंधित पक्षों को सही संदेश भेजना महत्वपूर्ण है।

भारतीय राजदूत ने इस बात पर भी जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पिछले दो दशकों में मिले लाभों को गंवा नहीं सकता क्योंकि अब तक हुई प्रगति बहुत ही मेहनत से अर्जित की गयी है।

उन्होंने कहा कि भारत 2001 से अफगानिस्तान में विकास, पुनर्निर्माण तथा क्षमता निर्माण के लिए तीन अरब डॉलर की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\