चंडीगढ़, 19 जनवरी चंडीगढ़ महापौर चुनाव को छह फरवरी तक स्थगित करने के प्रशासन के आदेश को शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई।
आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार के वकील रमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘18 जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत महापौर चुनाव छह फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि कुमार ने अदालत से अनुरोध किया है कि 18 जनवरी के आदेश को रद्द किया जाए और तुरंत चुनाव कराया जाए।
आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव अचानक स्थगित किए जाने और पार्षदों को यह बताए जाने पर कि पीठासीन अधिकारी बीमार पड़ गए हैं, बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया था।
प्रशासन ने अदालत को बताया कि चुनाव छह फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है।
वकील ने कहा, ‘‘कल, हमारी प्रार्थनाओं में से एक यह भी थी कि संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए गए थे कि कानून और व्यवस्था के आधार पर किसी को भी निगम कार्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी... हमने दलील दी थी कि यह गलत है और चुनाव तुरंत कराया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, अधिकारियों ने चुनाव छह फरवरी के लिए टालने का आदेश पारित कर दिया, जिसे हमने आज चुनौती दी है। मामले की सुनवाई शनिवार को होगी।’’
बृहस्पतिवार को दायर आप पार्षद की याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 23 जनवरी तय की थी।
बृहस्पतिवार शाम सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के बाद महापौर चुनाव के लिए अगली तारीख छह फरवरी तय की गई है।
महापौर चुनाव के लिए हाथ मिलाने वाली कांग्रेस और आप ने भाजपा की आलोचना करते हुए उस पर अपनी ‘‘आसन्न हार’’ की आशंका से चुनाव टालने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष एच.एस. लकी ने आरोप लगाया, ‘‘चंडीगढ़ नगर निगम का गठन 1996 में हुआ था। मैं पहली बार ऐसी घटना देख रहा हूं जहां भाजपा ने आसन्न हार के डर से चुनाव में देरी करने के लिए सभी हथकंडे अपनाने की कोशिश की। उन्होंने (भाजपा) ‘ऑपरेशन लोटस’ को अंजाम देने की कोशिश की, लेकिन असफल होने के बाद, उन्होंने चुनाव में देरी करने के लिए हर हथकंडा अपनाने का प्रयास किया।’’
नगर निगम के सभा कक्ष में पूर्वाह्न 11 बजे गुप्त मतदान के जरिये महापौर, वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए मतदान होना था।
पैंतीस-सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं। इसमें एक पदेन सदस्य सांसद (किरण खेर) भी हैं, जिनके पास मतदान का अधिकार है। आप के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का एक पार्षद है।
सदन के पांच साल के कार्यकाल के दौरान हर साल तीन पदों के लिए चुनाव होते हैं। इस साल महापौर की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)