खेल की खबरें | अदिति कंपाउंड वर्ग में सबसे युवा विश्व चैम्पियन बनीं, देवताले ने पुरुष वर्ग में जीता स्वर्ण

बर्लिन, पांच अगस्त जूनियर विश्व खिताब जीतने के दो महीने से भी कम समय में भारत की 17 साल की अदिति स्वामी विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप के कंपाउंड महिला फाइनल में शनिवार को यहां मैक्सिको की एंड्रिया बेसेरा को हराकर सबसे कम उम्र में सीनियर विश्व चैंपियन बनी। वह इस स्पर्धा में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी है।

 ओजस देवताले ने पुरुषों के कंपाउंड वर्ग में 150 के सटीक स्कोर के साथ खिताब जीता जिससे भारत ने अपने अभियान का अंत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ किया। भारत ने इसमें तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता।

महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले शांत और धैर्यवान देवताले ने रोमांचक फाइनल मुकाबले में पोलैंड के लुकाज प्रिजीबिल्स्की को एक अंक से हराया।

कंपाउंड वर्ग के तीरंदाजों ने जहां शानदार प्रदर्शन किया वहीं ओलंपिक में शामिल रिकर्व वर्ग के तीरंदाज पूरी तरह से असफल रहे और खाली हाथ लौटे।

अदिति और देवताले दोनों सतारा में एक ही अकादमी में कोच प्रवीण सावंत की देखरेख में प्रशिक्षण लेते हैं।

 सतारा की 12वीं कक्षा की छात्रा अदिति ने जुलाई में लिमरिक में युवा चैंपियनशिप में अंडर-18 का खिताब जीता था। उन्होंने यहां फाइनल में संभावित 150 अंकों में से 149 अंक के साथ मैक्सिको की खिलाड़ी को दो अंक से पछाड़ा।

चैम्पियनशिप की 16वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी एंड्रिया ने फाइनल में पहुंचने के क्रम में कई दिग्गजों को हराया था जिसमें  प्री-क्वार्टर फाइनल में मौजूदा चैंपियन सारा लोपेज को मात देना भी शामिल है।

एंड्रिया को फाइनल में छठी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी से शुरुआत से ही कड़ी चुनौती मिली। अदिति के शुरूआती तीनों तीर से निशाने के केंद्र में लगे जिससे उन्होंने पहले दौर में 30-29 की बढ़त बना ली।

उन्होंने लय को जारी रखते हुए अगले तीन दौर में इस प्रदर्शन को दोहराया और तीन अंक की बढ़त बना ली।

आखिरी दौर में उन्होंने एक निशाना नौ अंक का लगाया जबकि बाकी दो से 10-10 अंक बटोर कर कुल 149 अंक जुटाये। एंड्रिया 147 अंक ही बना सकी।

इस प्रतियोगिता में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है।

अदिति ने परनीत कौर और ज्योति सुरेखा वेन्नम के साथ शुक्रवार को कंपाउंड महिला टीम फाइनल जीतकर भारत के लिए पहली बार विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक हासिल किया था।

अदिति ने इससे पहले क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड की सान्ने डी लाट और सेमीफाइनल में ज्योति को 149-145 से शिकस्त दी थी।

अदिति ने इस प्रदर्शन के बाद पीटीआई- से कहा, ‘‘बस भारत के लिए पहला स्वर्ण जीतना था और कुछ सोच दिमाग में नहीं आ रही थी।’’

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