नयी दिल्ली, 23 अगस्त गौतम अडाणी समूह का चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही का कर-पूर्व लाभ (एबिटा) सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़ा है।
समूह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उसके हवाई अड्डे से लेकर बिजली और समुद्री बंदरगाह क्षेत्रों ने इस दौरान उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
अडाणी समूह ने बयान में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में उसने 23,532 करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ दर्ज किया। यह वित्त वर्ष 2018-19 में दर्ज 24,780 करोड़ रुपये के कर-पूर्व लाभ के लगभग बराबर है।
समूह की 10 कंपनियां शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं। इनमें अडाणी एंटरप्राइजेज लि., अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लि., अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी पावर लि., अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडाणी टोटल गैस शामिल हैं। करीब 42,115 करोड़ रुपये की नकदी को लेने के बाद इन कंपनियों पर शुद्ध रूप से कर्ज का बोझ 18,689.7 करोड़ रुपये है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में समूह पर कई तरह की गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए थे। यह रिपोर्ट इस साल जनवरी में आई थी। उसके बाद से समूह के कुल बाजार मूल्यांकन में बड़ी गिरावट आई थी। ऐसे में अब समूह वापसी की रणनीति के तहत अपना परिचालन प्रदर्शन सुधारने पर ध्यान दे रहा है।
हालांकि, समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
समूह के प्रवर्तकों ने 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से पांच की हिस्सेदारी जीक्यूजी पोटनर्स जैसे निवेशकों को बेची है। इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में सुधार हुआ है।
पहली तिमाही में समूह के मूल बुनियादी ढांचा और यूटिलिटी कारोबार का कर-पूर्व मुनाफा 20,233 करोड़ रुपये रहा है। यह कुल कर-पूर्व लाभ का 86 प्रतिशत बैठता है।
इसी तरह समूह के हवाई अड्डा, हरित हाइड्रोजन और अन्य कारोबार का कर-पूर्व लाभ इस अवधि में सालाना आधार पर लगभग दोगुना होकर 1,718 करोड़ रुपये रहा है। यह कुल कर-पूर्व मुनाफे का सात प्रतिशत है। कंपनी के सीमेंट कारोबार का कर-पूर्व लाभ 54 प्रतिशत बढ़कर 1,935 करोड़ रुपये रहा ।
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