Adani Case: गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, बैंकों की स्थिति मजबूत, ‘इस प्रकार के मामलों’ का असर नहीं

अडाणी समूह मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि देश के बैंक इतने बड़े और मजबूत हैं कि उनपर ऐसे मामलों का असर नहीं पड़ेगा.

Adani (Photo: Twitter)

मुंबई, 8 फरवरी : अडाणी समूह मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि देश के बैंक इतने बड़े और मजबूत हैं कि उनपर ऐसे मामलों का असर नहीं पड़ेगा. अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मद्देनजर अडाणी समूह की कंपनियों को बैंकों की तरफ से दिये गये कर्ज को लेकर विभिन्न तबकों में चिंता जतायी जा रही है. रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. अडाणी समूह से जुड़े एक सवाल के जवाब में दास ने कहा कि आरबीआई ने स्वयं से अपना आकलन किया और शुक्रवार को बयान जारी किया. बयान में कहा गया है कि देश के बैंक मजबूत हैं.

उन्होंने अडाणी समूह का जिक्र किये बिना कहा, ‘‘आज के समय में भारतीय बैंकों का आकार, उनकी क्षमता काफी मजबूत है. उनकी क्षमता ऐसी है कि वे इस प्रकार के मामलों से प्रभावित होने वाले नहीं हैं.’’ उनसे यह पूछा गया था कि क्या मौजूदा स्थिति में आरबीआई घरेलू बैंकों को अडाणी समूह की कंपनियों को दिये गये कर्ज को लेकर कोई दिशानिर्देश जारी करेगा. मौद्रिक नीति समिति की घोषणा के बाद दास ने कहा कि बैंक कर्ज देते समय, संबंधित कंपनी की बुनियाद और संबंधित परियोजनाओं के लिये नकद प्रवाह की स्थिति पर गौर करते हैं. दास ने यह भी साफ किया कि कर्ज के मामले में कंपनियों के बाजार पूंजीकरण से कोई लेना-देना नहीं होता है. यह भी पढ़ें :Current Financial Year 2022-23: मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नीचे आएगा चालू खाते का घाटा- शक्तिकांत दास

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों का अडाणी समूह को दिया गया कर्ज कोई बहुत ज्यादा नहीं है. शेयरों के बदले जो कर्ज दिया गया है, वह बहुत कम है. दास ने कहा कि गुजरते समय के साथ बैंकों की मूल्यांकन प्रणाली काफी सुधरी है. आरबीआई ने पिछले तीन-चार साल में बैंकों को मजबूत बनाने के लिये कई कदम उठाये हैं. संचालन, ऑडिट समितियों और जोखिम प्रबंधन समितियों को लेकर समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किये गये हैं. बैंकों के लिये मुख्य जोखिम अधिकारियों और मुख्य अनुपालन अधिकारियों की नियुक्ति को अनिवार्य किया गया है.

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