तिरुवनंतपुरम, 18 सितंबर केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने अभिनेत्री से मारपीट मामले की सुनवाई में देरी पर बुधवार को चिंता जताई और कहा कि इससे न्यायपालिका में जनता का भरोसा डगमगाएगा।
केरल में 2017 में एक अभिनेत्री से मारपीट मामले के मुख्य आरोपी सुनील एनएस को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद सतीशन ने केरल उच्च न्यायालय से मुकदमे की सुनवाई में देरी की समीक्षा करने का अनुरोध किया।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सुनील को इस मामले में जमानत दे दी थी, जिसमें अभिनेता दिलीप भी आरोपी हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अभिनेत्री पर हमला मामले की सुनवाई साढ़े सात साल से खिंच रही है, जिसके कारण आरोपी को जमानत मिल गई।
सतीशन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''मामले की सुनवाई में देरी से न्यायपालिका में जनता का विश्वास घट रहा है, क्योंकि न्याय में देरी न्याय न देने के बराबर है।''
तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम कर चुकी अभिनेत्री का 17 फरवरी 2017 की रात को कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था और करीब दो घंटे तक कार में उसके साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई। बाद में आरोपी अभिनेत्री को छोड़कर भाग गए थे। आरोपियों ने अभिनेत्री को ब्लैकमेल करने के लिए पूरी घटना का वीडियो बनाया था।
पुलिस ने इस मामले में अभिनेता दिलीप सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, दिलीप को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
सतीशन ने न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म जगत में अभिनेत्रियों के यौन शोषण के खुलासे पर भी टिप्पणी की।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की वामपंथी सरकार इस मुद्दे पर सच्चा रुख अपनाने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष ने मांग की थी कि हेमा समिति की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच केवल महिला अधिकारी ही करें, लेकिन सरकार ने इसके बजाय ऐसी टीम का गठन किया, जिसमें महिला एवं पुरुष अधिकारी शामिल हैं।
सतीशन ने केरल उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए सरकार से पीड़िताओं की पहचान को उजागर किए बिना अपराधियों को कठघरे में लाने का आग्रह किया। उच्च न्यायालय ने हेमा समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षों की जांच करने का निर्देश दिया था।
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