प्रदेश में आगामी तीन से छह महीनों में 15 लाख रोजगार सृजन की कार्य योजना बनायी जाए: मुख्यमंत्री

उन्होंने इसके सम्बन्ध में विभिन्न विभागों को एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं।

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लखनऊ, 23 अप्रैल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में आगामी तीन से छह महीनों के भीतर कम से कम 15 लाख लोगों के रोजगार सृजन की ठोस कार्य योजना बनायी जाए।

उन्होंने इसके सम्बन्ध में विभिन्न विभागों को एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई, ओडीओपी, एनआरएलएम, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, कौशल विकास मिशन, खादी ग्रामोद्योग तथा मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन के कार्यों में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना चुनौती है, जिसके लिए अभी से तैयारी की जाए।

एक सरकारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षुता (अप्रेन्टिसशिप) प्रोत्साहन योजना के तहत युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ 2500 रुपये का मासिक प्रशिक्षण भत्ता प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है। एक वर्ष में एक लाख युवाओं को यह सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना के तहत दो लाख युवाओं को जोड़े जाने की कार्य योजना बनाए जाने की सम्भावनाओं को तलाशा जाए।’’

उन्होंने रोजगार अथवा स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्वावलम्बन के लिए युवाओं को ‘युवा हब’ के माध्यम से भी ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और ओडीओपी के तहत रोजगार सृजन की व्यापक सम्भावनाएं हैं। इनके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर निर्मित किए जाने के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रदान करते हुए सिलाई और स्वेटर मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर महिला स्वयंसेवी समूहों को रोजगार प्रदान किया जाए। इसी प्रकार, खाद्य और फल प्रसंस्करण के माध्यम से भी इन्हें रोजगार प्रदान करने की रणनीति बनायी जाए। इनमें अचार, पापड़, पत्तल आदि बनाने के कार्य शामिल किए जा सकते हैं। इनके अलावा, व्यापक स्तर पर मास्क बनाने के कार्य से भी रोजगार सृजन किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने ग्राम स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को सुदृढ़ बनाते हुए इस मंच के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि व्यापक पैमाने पर दुग्ध समितियों का गठन कर डेरी उद्योग को भी सुदृढ़ किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन डाउन के बाद युवाओं को ऋण मेला और रोजगार मेला लगाकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

उन्होंने बैंकों से समन्वय बनाकर ग्राहक सेवा केंद्रों के सम्बन्ध में भी योजना बनाए जाने के निर्देश दिए।

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