Mumbai Air Pollution: मुंबई में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सोना, चांदी गलाने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo : X)

मुंबई, 8 नवंबर : बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मुंबई में वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति के बीच दक्षिण मुंबई के कालबादेवी और झवेरी बाजार इलाके में सोने और चांदी गलाने वाली इकाइयों की चार चिमनियों को ध्वस्त कर दिया. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, उनके ‘सी-वार्ड’ ने इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की क्योंकि वे महानगर में वायु प्रदूषण बढ़ा रहे थे. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को मुंबई का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगभग 150 या ‘‘मध्यम’’ श्रेणी में रहा. आभूषण बनाने के व्यवसाय और संबंधित गतिविधियों के तहत इन गलन इकाइयों में सोने और चांदी को पिघलाया जाता है, जो ज्यादातर छोटे पैमाने के कारखाने होते हैं. बीएमसी के अधिकारियों ने कहा कि जब कीमती धातुओं को भट्ठी में पिघलाया जाता है तो इस क्रिया के बाद निकलने वाले गैस चिमनी के माध्यम से हवा में छोड़े जाते हैं.

अधिकारियों ने कहा कि जब ऐसे धुएं को वैज्ञानिक उपचार के बिना छोड़ा जाता है, तो वे मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं. बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि ये खतरनाक गैसें प्रदूषण को बढ़ाती हैं, इसलिए बीएमसी ने वायु प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अभियान शुरू किया है. अधिकारी ने कहा कि बीएमसी के भवन और कारखाना विभाग ने ‘सी-वार्ड’ में धनजी मार्ग और मिजा मार्ग पर चार ऐसी गलन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की. बीएमसी द्वारा बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निकाय को मुंबई में वायु प्रदूषण और धूल को नियंत्रित करने के लिए उपाय करने का निर्देश दिया है. यह भी पढ़ें : Pollution Alert: दिल्ली ही नहीं पंजाब से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला है प्रदूषण, नासा ने शेयर की धुंध की सैटेलाइट तस्वीर

निर्देश पर कार्रवाई करते हुए बीएमसी ने धूल नियंत्रण के लिए लगभग 650 किलोमीटर लंबी सड़क पर पानी के छिड़काव सहित सभी 24 नगर निगम वार्ड में प्रदूषण के खिलाफ कदम उठाना शुरू कर दिया है. बीएमसी ने हाल में मुंबई में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसने ‘डेवलपर’ और बुनियादी ढांचे का काम करने वालों को अपने निर्माण स्थलों पर स्प्रिंकलर (पानी का छिड़काव करने वाली) और ‘फॉगिंग’ मशीनें खरीदने के लिए एक महीने का समय दिया है. इसका अनुपालन नहीं करने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.