देश की खबरें | अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने से जम्मू कश्मीर और देश के बाकी हिस्से के जुड़ाव को नुकसान हुआ: अब्दुल्ला

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श्रीनगर, छह दिसंबर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करके जम्मू कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच जुड़ाव को नुकसान पहुंचाया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा रद्द करने के फैसले से खुश नहीं हैं।

अब्दुल्ला ने यहां से 31 किलोमीटर दूर पुलवामा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने ऐसा किया और ऐसा करके लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचायी। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर से वादा किसी व्यक्ति द्वारा नहीं बल्कि देश द्वारा किया गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बंधन दिल्ली और जम्मू कश्मीर के व्यक्ति के बीच नहीं था, यह जुड़ाव इस राज्य के साथ देश के बीच था। अगर वे सोचते हैं कि इस बंधन को नुकसान पहुंचाना बधाई के लायक है, तो उन्हें एक-दूसरे को बधाई देने दें। सच्चाई यह है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में लोग 5 अगस्त, 2019 को उठाए गए कदम से खुश नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि जब जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे तो लोग फैसलों से नाखुशी दिखाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह करगिल (एलएएचडीसी चुनाव) में साबित हुआ था। यह डीडीसी (जिला विकास परिषद) चुनाव में भी साबित हुआ था और हम इसे विधानसभा चुनाव में भी साबित करेंगे...।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने में देरी जम्मू कश्मीर को बर्बादी की राह पर ले जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘बर्बादी की ओर। 2014 से लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यह एक अजीब तरह का ‘फिक्स मैच’ है। जब आप सरकार से पूछेंगे, तो वे आपको बताएंगे कि निर्वाचन आयोग को फैसला करना है। जब आप निर्वाचन आयोग से पूछेंगे, तो वे कहेंगे कि उन्हें सरकार से सलाह लेने के बाद निर्णय लेना होगा।’’

बुधवार को संसद में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि देश में केवल एक निशान और एक संविधान हो।’’

द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के एक नेता की "गौमूत्र" टिप्पणी पर विवाद उत्पन्न होने पर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें वे शब्द नहीं कहने चाहिए थे जिससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप उनके धर्म में विश्वास नहीं करते हैं लेकिन करोड़ों लोग इस पर विश्वास करते हैं। उनका मजाक क्यों उड़ाएं? क्या तमिलनाडु के हमारे भाई-बहन खुश होंगे, अगर हमारे बीच से कोई ऐसा कुछ कहे। हमें धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए और दूसरों के बारे में हमें ऐसा कुछ भी नहीं कहना चाहिए जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों।’’

हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार पर अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने ये चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने जो नतीजे देखे, यदि ‘इंडिया’ गठबंधन साथ मिलकर चुनाव लड़ता, तो भी शायद छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में ज्यादा अंतर नहीं होता। संभावना है कि तब राजस्थान में नतीजे अलग होते। ऐसे में संसदीय चुनावों के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन की तैयारी पर चर्चा के लिए अब 16 दिसंबर को एक बैठक बुलाई गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बैठेंगे और चर्चा करेंगे, हम कांग्रेस की बात सुनेंगे और देखेंगे कि क्या उन्हें लगता है कि उन्होंने गलती की है।’’

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