रांची, 13 मई झारखंड की चार लोकसभा सीट पर सोमवार को शाम पांच बजे तक 63.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सिंहभूम, लोहरदगा, खूंटी और पलामू सीट पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, जो राज्य में पहले चरण का चुनाव है। अधिकारियों ने बताया कि सभी चार सीट पर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
सिंहभूम सीट पर सबसे अधिक 66.11 प्रतिशत, खूंटी सीट पर 65.82 प्रतिशत, लोहरदगा सीट पर 62.60 प्रतिशत और पलामू सीट पर 59.99 प्रतिशत मतदान हुआ।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में इन चार निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 66.01 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सिंहभूम, पलामू और लोहरदगा के नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया। इनमें से कुछ जगहों पर लोगों ने दशकों बाद वोट डाला।
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने पैतृक गांव जिलिंगगोरा में परिवार के साथ मतदान किया। उन्होंने कहा, "मैंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आज अपने गांव में मतदान किया।"
केंद्रीय मंत्री एवं खूंटी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा ने कहा कि उन्हें ‘‘पूरा विश्वास है कि देश की जनता भाजपा को चुनेगी और नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाएगी।’’
मुंडा ने अपनी पत्नी मीरा मुंडा के साथ खूंटी सीट के अंतर्गत खरसावां के खेलारीसाई स्थित बूथ संख्या-172 पर मतदान किया। उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कालीचरण मुंडा ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और दावा किया कि इस बार वह 50,000 से अधिक मतों के अंतर से जीतने जा रहे हैं।
सिंहभूम लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रत्याशी जोबा मांझी और लोहरदगा से भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
अधिकारियों ने बताया कि चारों लोकसभा सीट पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से जारी है। उन्होंने बताया कि 32.07 लाख महिला और 42 ट्रांसजेंडर समेत 64.37 लाख से अधिक मतदाता मताधिकार के लिए पात्र हैं।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित कुल 45 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें लोहरदगा में सबसे अधिक 15 उम्मीदवार हैं। इसके बाद सिंहभूम में 14, पलामू में नौ, और खूंटी में सात उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार ने बताया कि पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वेबकास्टिंग के लिए सभी निर्वाचन क्षेत्रों में 15,000 4डी कैमरे लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 7,595 बूथों पर कुल 30,380 मतदान अधिकारी तैनात किए गए हैं।
पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप चौधरी ने बताया, ‘‘माओवाद प्रभावित सिंहभूम के दूरदराज के इलाकों में मतदान दलों और साजो सामान को हवाई मार्ग से पहुंचाया गया।’’
सिंहभूम देश के सबसे अधिक माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। वर्ष 2019 में कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गीता कोड़ा का मुकाबला विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के उम्मीदवार जोबा मांझी से है।
खूंटी में केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार अर्जुन मुंडा की सीधी टक्कर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवार कालीचरण मुंडा से है। भाजपा नेता ने 2019 में इस सीट पर मामूली अंतर से जीत हासिल की थी।
लोहरदगा में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। यहां बिशुनपुर से झामुमो के विधायक चमरा लिंडा, भाजपा के समीर उरांव और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सुखदेव भगत को चुनौती देते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सीट-बंटवारे को लेकर बनी सहमति के तहत यह सीट कांग्रेस को मिली है।
पलामू में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की उम्मीदवार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ममता भुइयां और भाजपा के निवतर्मान सांसद विष्णु दयाल राम के बीच सीधा मुकाबला है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11 सीट और उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी को एक सीट मिली थी, जबकि कांग्रेस और झामुमो ने एक-एक सीट जीती थी।
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