नयी दिल्ली, 1 अप्रैल : देश में किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रतिबद्धता जताते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि आम की ऐसी किस्म विकसित की जा रही हैं, जिन पर जलवायु परिवर्तन का कोई असर नहीं पड़ेगा. चौहान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि देश में किसानों के सामने अनेक चुनौतियों के साथ ही जलवायु परिवर्तन का संकट भी है और इस बार के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1,37,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट इन्हीं संकटों से निपटने के लिए पारित किया गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और पूर्व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए चौहान ने ये बातें कहीं.
रूपाला ने गुजरात के सौराष्ट्र के आम उत्पादक किसानों की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से खेती पर असर पड़ रहा है और इस बार कृषकों को आम की फसल कम होने की आशंका है. चौहान ने कहा, ‘‘भाजपा और राजग के ‘डीएनए’ में ही किसान कल्याण है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. इस बार 1,37,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कृषि बजट इन्हीं संकटों से निपटने के लिए पारित किया गया है. संप्रग के समय यह केवल 21 हजार करोड़ रुपये होता था.’’ उन्होंने कहा कि बजट में उच्च उपज वाले सौ से अधिक जलवायु अनुकूल बीजों को व्यावसायिक रूप से किसानों को उपलब्ध कराने की घोषणा की गई. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन धान्य योजना भी इसलिए बनाई गई है कि निम्न उत्पादकता वाले जिलों में उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किये जा सकें. यह भी पढ़ें : कोलकाता में भारतीय संग्रहालय में बम की धमकी से दहशत
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) इस दिशा में निरंतर अनुसंधान करता रहता है. चौहान ने कहा, ‘‘आम की ऐसी किस्म विकसित की जा रही हैं जिन पर जलवायु परिवर्तन का कोई असर नहीं पड़े. इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखेंगे.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का निश्चय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार की बढ़ती कीमतों का बोझ किसानों पर किसी भी कीमत पर नहीं आने देंगे. चौहान ने कहा, ‘‘इसलिए इस साल भी उर्वरक सब्सिडी पर 1,77,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.’’













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