गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), दो अगस्त दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा का शव शनिवार को एक स्टोर में फांसी से लटका मिलने के अगले दिन रविवार देर शाम पुलिस ने गृह विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष और उनके सहयोगियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
सूत्रों के अनुसार, पहले पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन मामले को आत्महत्या बता रहे थे, लेकिन अब हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है। गौरतलब है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण लटकने के चलते दम घुटना बताया गया है। मृतका के पिता की लिखित शिकायत पर रविवार देर शाम विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष और उनके सहायकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने बताया कि परिजनों ने सोमवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस अधीक्षक (नगर) सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने बताया कि पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के पैनल और वीडियोग्राफी के साथ किया गया था और रिपोर्ट के अनुसार 'एंटीमार्टम हैंगिंग' के कारण दम घुटने से मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि परिवार की शिकायत के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है और परिवार के अनुरोध पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित पांच चिकित्सकों का पैनल पोस्टमार्टम वीडियो की समीक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा के क्षेत्राधिकारी को निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये गये हैं।
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता पार्टी के नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल सहित विभिन्न राजनीतिक दलों की छात्र शाखा ने इस मामले में न्याय की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, छात्रा शनिवार को परीक्षा देने विश्वविद्यालय गई थी और वहीं के एक स्टोर में उसका शव दुपट्टे से लटका मिला। उसके पिता ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर एतराज करते हुए अपनी शिकायत में कई सवाल उठाए हैं, जैसे लड़की के पैर जमीन को छू रहे थे, उसके कपड़े धूल और मिट्टी से गंदे थे, उसकी चप्पल कमरे में शरीर से दूर पड़ी थी। शिकायत में उसके पिता ने यह भी कहा कि उन्होंने छात्रा के सिर में चोट देखी और उसकी कलाई घड़ी गायब थी।
कांग्रेस पार्टी युवा शाखा के नेता मनीष ओझा ने मामले में सीबीआई जांच और मजिस्ट्रियल जांच की मांग की।
भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल छात्रा के घर पहुंचकर परिजनों से मिले और न्याय का भरोसा दिया।
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