ठाणे, 18 मई दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे कोंकण डिविजन के 88 छात्र लगभग 50 दिनों तक फंसे रहने के बाद एक विशेष ट्रेन से रविवार देर रात महाराष्ट्र के कल्याण स्टेशन पहुंचे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
ठाणे जिला प्रशासन ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि कोंकण डिविजन से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अभ्यर्थियों में ठाणे के 42, मुम्बई के 18, मुम्बई उपनगरीय क्षेत्र और रायगढ़ के नौ--नौ, रत्नागिरि और पालघर के पांच-पांच छात्र शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि सभी छात्रों की कल्याण स्टेशन पर स्क्रीनिंग की गई और किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनके हाथों पर ‘घर पर पृथक रहने’ की मुहर लगायी गई। इसके बाद इनमें से कुछ निजी वाहनों में रवाना हुए, जबकि कुछ विशेष बसों से अपने गृह स्थानों के लिए रवाना हुए।
कल्याण से शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने छात्रों की दिल्ली से उनके गृह स्थानों तक वापसी में सहयोग किया।
दिल्ली में सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे महाराष्ट्र के कुछ छात्रों ने रविवार को आरोप लगाया कि रेलवे के कुप्रबंधन के चलते उन्हें असुविधा हुई।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में दावा किया कि रेलवे ने दिल्ली से मुम्बई के लिए एक ट्रेन का संचालन किया लेकिन स्वच्छता आदि की कमी की वजह से दिक्कत हुई।
एक छात्र ने कहा, ‘‘शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को छोड़कर हमें न तो दिल्ली सरकार से और न ही रेलवे से ही कोई मदद मिली। कुछ कोचों को छोड़कर जिनमें हमें ठूसा गया था, हमें खाली कोच इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी गई। कोच आपस में जुड़े नहीं थे इसलिए साथी यात्रियों के बीच सम्पर्क संभव नहीं था।’’
ट्रेन से लौटे एक अन्य छात्र ने कहा कि रेलवे अधिकारियों ने पानी और भोजन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसका अभाव था।
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