Independence day 2021: धनखड़ की लोगों से मानवाधिकार बरकरार रखने की अपील
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और लोगों से मानवाधिकारों को बनाए रखने की शपथ लेने का आग्रह किया. उन्होंने यहां प्रतिष्ठित विक्टोरिया मेमोरियल हॉल पर 7,500 वर्ग फुट का तिरंगा राष्ट्र को समर्पित भी किया.
कोलकाता, 15 अगस्त : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने रविवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और लोगों से मानवाधिकारों को बनाए रखने की शपथ लेने का आग्रह किया. उन्होंने यहां प्रतिष्ठित विक्टोरिया मेमोरियल हॉल पर 7,500 वर्ग फुट का तिरंगा राष्ट्र को समर्पित भी किया. धनखड़ ने कहा कि देश लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है और दुनिया में सम्मान का स्थान प्राप्त किया है, जिससे प्रत्येक नागरिक को भारतीय होने पर गर्व है. राज्यपाल ने कहा, ‘‘हमें इस दिन मानवाधिकारों की रक्षा के लिए शपथ लेनी चाहिए. मानवाधिकारों पर कोई भी हमला मानवता का अपमान करता है और संविधान की भावना को कलंकित करता है.’’ उन्होंने कहा कि 75वां स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्र के लिए मील का पत्थर है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए गर्व का क्षण है.
विक्टोरिया मेमोरियल के अग्रभाग को 7,500 वर्ग फुट के तिरंगे से लपेटा गया था, जिसे राज्यपाल द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था. विशाल ध्वज ने 25 अप्रैल को अपनी यात्रा शुरू की, जब इसे हिमालयन माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट (एचएमआई) के अधिकारियों ने सिक्किम हिमालय में माउंट रेनॉक के ऊपर 16,500 फीट की ऊंचाई पर इसे फहराया था. विशाल तिरंगा दार्जिलिंग में एचएमआई पहुंचा, जहां इसे 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर फिर से फहराया गया और उसके बाद यह कोलकाता पहुंचा. इससे पहले सुबह राज्यपाल ने उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में गंगा नदी के तट पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की. यह भी पढ़ें : Independence Day 2021: ITBP के जवानों ने 16,700 फीट की ऊंचाई मनाया आजादी का जश्न
धनखड़ ने कहा, ‘‘यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में एक बहुत बड़ा त्योहार है. यह वर्ष बहुत खास और बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारा देश आजादी मिलने के बाद 75वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है और अपना अमृत महोत्सव मना रहा है.’’ पश्चिम बंगाल के हर हिस्से के लोगों ने स्वतंत्रता की लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग लिया था. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ नाम जाने-पहचाने हैं, जबकि कुछ गुमनाम रह गए हैं. हमें आजादी की लड़ाई में इन लोगों द्वारा निभाई गई भूमिका को सामने लाने के लिए पूरे साल प्रयास करना चाहिए.’’ राज्यपाल की पत्नी सुदेश धनखड़ ने इस अवसर पर गांधी घाट स्थित कार्यक्रम स्थल पर अन्य महिलाओं के साथ चरखा चलाया.