देश की खबरें | भारत में कोविड-19 के 56,211 नए मामले, 271 और मरीजों की मौत

नयी दिल्ली, 30 मार्च भारत में गत 24 घंटे में 56,211 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके साथ ही देश में अब तक कोविड-19 की जद में आए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,20,95,855 हो गई है। इस अवधि में 271 और मरीजों की संक्रमण से मौत हुई है जिससे देश में महामारी से जान गंवाने वालों की कुल संख्या बढ़कर 1,62,114 हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने कहा कि लगातार 20वें दिन भी संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि की वजह से देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 5,40,720 हो गई है जो कुल मामलों का 4.47 प्रतिशत है। वहीं, मरीजों के ठीक होने की दर और गिरकर 94.19 प्रतिशत रह गई है।

आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 1,13,93,021 हो गई है, जबकि देश में कोविड-19 से मृत्युदर 1.34 प्रतिशत है।

भारत में कोविड-19 के मामले पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख के पार चले गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे। वैश्विक महामारी से संक्रमण के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ की संख्या पार कर गए थे।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक 29 मार्च तक कुल 24,26,50,025 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 7,85,864 नमूनों की जांच गत सोमवार को की गई।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 24 घंटे में मामलों में कुछ कमी सोमवार को होली के दिन जांच में कमी के कारण से हो सकती है।

आईसीएमआर के अनुसार रविवार को 9,13,319 नमूनों की जांच की गई थी।

मंत्रालय ने बताया कि गत 24 घंटे में जिन 271 मरीजों की मौत हुई है, उनमें महाराष्ट्र से 102, पंजाब से 59, छत्तीसगढ़ के 20 ,कर्नाटक के 16 ,तमिलनाडु के 14 और केरल के 11 मरीज शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोविड-19 से 1,62,114 मरीजों की जान गई है जिनमें महाराष्ट्र के 54,283, तमिलनाडु के 12,684, कर्नाटक के 12,520, दिल्ली के 11,012, पश्चिम बंगाल के 10,325, उत्तर प्रदेश के 8,790, आंध्र प्रदेश के 7,210 और पंजाब के 6,749 लोग शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मौत के 70 प्रतिशत मामले उन लोगों से जुड़े हैं जो पहले से किसी और बीमारी से पीड़ित थे।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम अपने आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों से मिलान कर रहे हैं।’’

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