संभल में भगवान राम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा निर्माणाधीन, CM आदित्यनाथ कर सकते हैं अनावरण
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी शहर में भगवान राम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फरवरी में इस प्रतिमा का अनावरण कर सकते हैं.
संभल (उप्र), 13 जनवरी : उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी शहर में भगवान राम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फरवरी में इस प्रतिमा का अनावरण कर सकते हैं. राम बाग धाम के रामलीला मैदान में बनाई जा रही इस प्रतिमा में भगवान राम एक हाथ में धनुष पकड़े हुए और दूसरे हाथ से आशीर्वाद देते हुए दिखाई देंगे. राम बाग धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक कुमार फैंसी ने कहा कि भगवान राम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण 31 मई, 2023 से प्रतिदिन चल रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिमा अब लगभग पूरी हो चुकी है, केवल पेंटिंग का काम बाकी है. फरवरी 2025 तक इसके पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है.’’
राम बाग धाम ट्रस्ट के सचिव अमित कुमार के एस ने मूर्ति की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान राम की यह भव्य और दिव्य मूर्ति देश में अपनी तरह की सबसे ऊंची मूर्ति होगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह मूर्ति अनूठी है क्योंकि भगवान राम की निगाह नीचे की ओर है, जो विनम्रता का प्रतीक है. वे एक हाथ में धनुष पकड़े हुए हैं और दूसरे हाथ से आशीर्वाद दे रहे हैं. मूर्ति के चारों ओर एक अशोक वाटिका है, साथ ही हनुमान और गरुड़ की मूर्तियाँ भी हैं. हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मूर्ति का उद्घाटन करने का अनुरोध किया है और हमें उम्मीद है कि यह कार्यक्रम जल्द ही होगा.’’ यह भी पढ़ें : Omar Abdullah on PM Modi: उमर अब्दुल्ला ने की पीएम मोदी की तारीफ, कहा- आपने अपना वादा निभाया
राम बाग धाम में रामलीला परिषद के उपाध्यक्ष अमित कुमार अप्पू ने कहा, ‘‘जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, तो हमने चंदौसी के राम बाग धाम में भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित करने के बारे में सोचा.’’ उन्होंने बताया कि अब तक निर्माण पर लगभग 25 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इसके अलावा, प्रतिमा के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाया गया है, ताकि श्रद्धालु भगवान राम की परिक्रमा कर सकें और उनके प्रति सम्मान प्रकट कर सकें. ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार, प्रतिमा के बन जाने के बाद चंदौसी की आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा बढ़ेगी.