नयी दिल्ली, 11 जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा को ‘राज्य प्रायोजित’ करार दिया और दावा कि इसमें कम से कम 45 लोगों की मौत हुई है।
पार्टी ने इस हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘निर्मम’ हैं क्योंकि हिंसा की घटनाओं के दौरान वह ‘मूकदर्शक’ बन सब देख रही थीं।
पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। मतदान के दौरान मत पेटियां लूटी गयी, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बम भी फेंके गए।
शनिवार को हुए चुनाव में 80.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सोमवार को राज्य के जिन 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ, वहां शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
हिंसा और मतपेटियों से छेड़छाड़ की खबरें आने के बाद इन मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया गया था।
मतगणना शुरू होने और शुरुआती रुझान आने के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ‘दादागिरी की राजनीति’ मतगणना के दिन भी जारी रही।
उन्होंने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि भाजपा के मतगणना एजेंटों और अन्य विपक्षी दलों के एजेंटों को मतगणना केंद्रों पर जाने से रोका जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया में आई खबरों के अनुसार पंचायत चुनाव में हिंसा के दौरान कम से कम 45 लोग मारे गए। बमबारी, फर्जी मतदान और धांधली मीडिया की खबरों में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द हैं। जो हिंसा हो रही है वह अप्रत्याशित है। चुनाव और हिंसा बंगाल में पर्यायवाची बन गए हैं।’’
पात्रा ने कहा, ‘‘ ‘निर्मम बंदोपाध्याय’ जी मूकदर्शक होकर यह सब देख रही हैं। ये ममता नहीं निर्ममता है।’’
पिछले विधानसभा चुनाव और पूर्व के पंचायत चुनावों में हत्याओं की संख्या का आंकड़ा देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी बंगाल में ‘हिंसा और लोकतंत्र की हत्या’ की कड़ी निंदा करती है।
पात्रा में मतदान में ‘पक्षपात’ का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां केंद्रीय बल भेजे तो गए लेकिन उनकी ठीक तरह से तैनाती नहीं की गई।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या छुपाई गई। संवेदनशल मतदान केंद्रों का आंकड़ा दिया नहीं गया। केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद 45 लोगों की हत्या दिखाती है कि राज्य सरकार प्रायोजित रूप से इन हत्याओं को अंजाम दे रही थी। यह राज्य प्रयोजित हत्या है। जितने लोग मारे गए हैं, वह प्रायोजित है, यह दुर्घटनावश नहीं हुआ है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘इसमें पुलिस प्रशासन से लेकर अधिकारी तक सब सम्मिलित हैं। एक तरह से सबकी मिलीभगत से संस्थागत हत्याओं को अंजाम दिया गया है।’’
भाजपा नेता ने सवाल किया, ‘‘क्या यही लोकतंत्र है ममता जी?’’
पात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार की हिंसा हुई है वैसी ही हिंसा अगर किसी भाजपा शासित राज्य में होती तो ‘हाहाकार’ मच गया होता।
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कहां है वे सारे ठगबंधन के नेता। कहां हैं लालू प्रसाद, नीतीश कहां हैं? वो मोहब्बत की दुकान खोलने वाले राहुल गांधी। कहां से ये सारे महाठगबंधन के नेता। किसी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला है।’’
इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल के 100 से अधिक लोगों ने उनके राज्य में शरण ली है, क्योंकि पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के कारण वह डरे हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कल पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा के कारण अपनी जान को खतरा बताने वाले 133 लोगों ने असम के धुबरी जिले में शरण ली। हमने उन्हें राहत शिविर में आश्रय प्रदान किया है, साथ ही भोजन और चिकित्सा सहायता भी प्रदान की है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)