जरुरी जानकारी | अप्रैल-मई में कॉरपोरेट बॉन्ड के निजी नियोजन से जुटाए गए कोष में 39 प्रतिशत की गिरावट

नयी दिल्ली, तीन जुलाई सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा कॉरपोरेट बॉन्ड के निजी नियोजन के जरिये जुटाया गया धन चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में 39 प्रतिशत घटकर 32,405 करोड़ रुपये रह गया।

वित्त वर्ष के बाकी महीनों में भी इस मार्ग से जुटाए जाने वाले धन को लेकर परिदृश्य अनिश्चित है, क्योंकि ब्याज दरों में अभी और बढ़ोतरी की आशंका है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-मई 2021-22 के दौरान कॉरपोरेट बॉन्ड के निजी नियोजन के जरिये 53,253 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।

शेयरों के अच्छे प्रदर्शन और कम ब्याज दर पर बैंकों द्वारा तत्परता से कोष देने के कारण इस विधि से जुटाई गई धनराशि 2021-22 में छह साल के निचले स्तर 5.88 लाख करोड़ रुपये पर आ गई थी।

ट्रस्ट एमएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संदीप बागला ने कहा, ‘‘बाकी वित्त वर्ष के लिए परिदृश्य काफी अनिश्चित है, क्योंकि ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की आशंका है। नकदी की स्थिति सख्त हो जाएगी और उच्च मुद्रास्फीति बनी रहेगी। ऐसे माहौल में, कुल मांग कम रहने की आशंका है, जिससे ऋण मांग भी घट जाएगी।’’

ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक दिवम शर्मा ने कहा कि धन जुटाने की गतिविधियां कई कारकों पर निर्भर करेंगी, जिसमें ब्याज दर चक्र का चरम पर पहुंचना, पूंजीगत व्यय चक्र की भावना में सुधार और मुद्रा मूल्यह्रास चक्र का चरम पर पहुंचना शामिल है।

सूचीबद्ध कंपनियों ने बॉन्ड के जरिये कम राशि जुटाई और बैंकों से ऋण लेने की गति भी धीमी रही है। बागला ने कहा कि यह संभव है कि सूचीबद्ध कंपनियों के पास नकदी अधिशेष की स्थिति हो।

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