रांची, छह जनवरी झारखंड में गत 24 घंटों के दौरान कोविड-19 के 3,704 नए मामले आए जबकि चार संक्रमितों की मौत हुई। लेकिन आनुवंशिक अनुक्रमण की एक भी मशीन नहीं होने से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि इनमें वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कितने मामले हैं और राज्य ने केंद्र से इस सबंध में मदद मांगी है।
झारखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बृहस्पतिवार रात को रात्रि जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में आए 3,704 नए मामलों में 1,309 संक्रमित अकेले राजधानी रांची से हैं जबकि जमशेदपुर में 722 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा बोकारो में 229, धनबाद में 166 और देवघर में 172 मामले आए हैं। विभाग ने बताया कि इस समय राज्य में 14,255 उपचाराधीन मरीज हैं जबकि पिछले चौबीस घंटों में 435 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं।
विभाग ने बताया कि राज्य में गत 24 घंटे के दौरान चार मरीजों की मौत हुई है जिनमें दो जमशेदपुर के और धनबाद एवं रांची का एक-एक मरीज शामिल है।इसके साथ ही राज्य में महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,153 हो गई है।
झारखंड को अब तक आनुवंशिकी अनुक्रमण की एक भी मशीन नहीं हासिल हुई है जिसके चलते यहां आठ दिसंबर के बाद से कोरोना संक्रमित हुए किसी भी व्यक्ति की आनुवंशिकी अनुक्रमण की रिपोर्ट नहीं मिली है, इसकी वजह से राज्य में ओमीक्रोन के प्रभाव का आकलन नहीं हो पा रहा है।
इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से यहां के संदिग्ध मामलों की आनुवंशिकी अनुक्रमण तेज गति से करवाने में मदद का अनुरोध किया है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि झारखंड के संदिग्ध मामलों की आनुवंशिकी अनुक्रमण जांच के लिए किसी ऐसे संस्थान को अधिकृत किया जाए जिससे रिपोर्ट जल्द मिल सके।
राज्य ने इसके लिए राज्य के कोविड के मामलों की जांच एम्स भुवनेश्वर, एनआईबीएम अथवा कल्याणी से करवाने का अनुरोध किया है। वर्तमान में राज्य के ओमीक्रोन के संदिग्ध मामलों की जांच इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफसाइंस, भुवनेश्वर से होती है जहां से राज्य को 40 से 45 दिनों में रिपोर्ट प्राप्त होती है।
राज्य को भुवनेश्वर स्थित आईएलएस से आनुवंशिकी अनुक्रमण की अंतिम रिपोर्ट आठ दिसंबर के नमूने की मिली थी। इसके बाद राज्य से जांच के लिए भेजे गये नमूनों की रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक समीक्षा बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से राज्य को इस मोर्चे पर मदद करने का आग्रह किया था।
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