देश की खबरें | ‘आईडीईएक्स’ के तहत 26 उत्पाद विकसित किए गए : राजनाथ सिंह

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) पहल के तहत 26 उत्पाद विकसित किए गए हैं, जिनके लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के खरीद ऑर्डर दिए गए हैं।

सिंह ने यहां ‘डिफकनेक्ट 4.0’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में यह भी कहा कि 37 उत्पादों के लिए 2,380 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की स्वीकृति और ‘प्रस्ताव के लिए अनुरोध’ जारी किए गए हैं।

इस मौके पर, सिंह ने आईडीईएक्स (एडीआईटीआई 2.0) चुनौतियों के साथ अभिनव प्रौद्योगिकियों के विकास के दूसरे संस्करण और ‘डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज’ (डीआईएससी-12) के 12वें संस्करण की शुरुआत की।

एडीआईटीआई 2.0 में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई), क्वांटम टेक्नोलॉजी, सैन्य संचार, सैन्य प्लेटफार्म के लिए अनुकूलित एंटी-ड्रोन सिस्टम आदि के क्षेत्र में सशस्त्र बलों और संबद्ध एजेंसियों की 19 चुनौतियां शामिल हैं।

यह योजना देश के रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) विजेताओं को 25 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान करती है।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डीआईएससी-12 में ड्रोन, एआई, नेटवर्किंग और संचार सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 41 चुनौतियां प्रस्तुत की गई हैं, जिन पर 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया गया है। विशेष रूप से, यह चिकित्सा नवाचार और अनुसंधान उन्नति (एमआईआरए) पहल की शुरुआत करता है, जिसमें सशस्त्र बलों की चिकित्सा मांगों को पूरा करने के लिए चिकित्सा प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नौ चुनौतियां शामिल हैं।

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने देश में नवाचार की संस्कृति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ‘डेफकनेक्ट’ की सराहना की।

उन्होंने कहा कि यह मंच रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में नई ऊर्जा ला रहा है और देश की प्रतिभा को सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने में भागीदार बना रहा है।

‘डेफकनेक्ट’ को रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े सभी हितधारकों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि यह मंच रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगा।

रक्षा मंत्री ने देश में नवोन्मेषकों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों और स्टार्ट-अप के जीवंत और गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया भारत के युवाओं की ताकत और प्रतिभा को स्वीकार कर रही है।

उन्होंने रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका को और बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

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