1971 के भारत-पाक युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाने वाले नायक कर्नल पंजाब सिंह का निधन
पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध के दौरान पुंछ की लड़ाई के नायक कर्नल पंजाब सिंह का कोविड से उबरने के बाद की समस्याओं के कारण सोमवार को निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. सेना ने कहा कि वीर चक्र से सम्मानित कर्नल सिंह का हरियाणा के चंडी मंदिर के कमान अस्पताल में निधन हो गया. उनके बड़े बेटे अनिल कुमार की भी 21 मई कोविड-19 से मौत हो गई थी.
नयी दिल्ली, 25 मई. पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध (1971 War) के दौरान पुंछ (Poonch) की लड़ाई के नायक कर्नल पंजाब सिंह (Colonel Punjab Singh) का कोविड से उबरने के बाद की समस्याओं के कारण सोमवार को निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. सेना ने कहा कि वीर चक्र (Vir Chakra) से सम्मानित कर्नल सिंह का हरियाणा (Haryana) के चंडी मंदिर के कमान अस्पताल में निधन हो गया. उनके बड़े बेटे अनिल कुमार की भी 21 मई कोविड-19 से मौत हो गई थी. सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘हाल में कर्नल पंजाब सिंह कोविड-19 से ठीक हो गये थे लेकिन कोविड के बाद की कुछ चिकित्सीय जटिलताओं के कारण उनका निधन हो गया.’’ कर्नल सिंह का जन्म 15 फरवरी, 1942 को हुआ था और 16 दिसम्बर, 1967 को वह सिख रेजिमेंट की छठी बटालियन में शामिल हुए. उन्होंने 12 अक्टूबर 1986 से 29 जुलाई 1990 तक प्रतिष्ठित बटालियन की कमान संभाली. यह भी पढ़ें- अमेरिका का पाक को फिर झटका, कहा- पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता अब भी निलंबित है.
सेना ने एक बयान में कहा कि 1971 युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन कैक्टस लिली’ में छठी सिख बटालियन ने पुंछ की चोटियों पर 13 किलोमीटर क्षेत्र में कब्जा किया और दुश्मन को वहां घुसने में नाकाम किया. यहां पर सामरिक महत्व के दो स्थान हैं, अगर दुश्मन यहां पर घुस जाते तो फिर वह पुंछ पर भी कब्जा कर लेते. कर्नल पंजाब सिंह उस वक्त मेजर थे और एक कंपनी को कमांड कर रहे थे.
बयान में कहा गया है कि तीन दिसंबर 1971 को दुश्मन ने तोप और मोर्टार से गोलाबारी की. कर्नल सिंह के नेतृत्व में छठी सिख बटालियन के जवानों ने दुश्मन का मुकाबला किया और भारतीय सैनिकों की बहादुरी के आगे दुश्मन असफल रहे. वीरता के लिए कर्नल पंजाब सिंह को वीर चक्र से नवाजा गया था. कर्नल सिंह सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद हिमाचल प्रदेश में सैनिक वेलफेयर के निदेशक भी रहे. उनके दामाद लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे कश्मीर में सेना की 15 कोर के कमांडर के रूप में तैनात हैं.