देश की खबरें | गिर सोमनाथ में भूकंप के 19 मामूली झटके महसूस किए गए, कोई हताहत नहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक 1.7 से 3.3 तीव्रता वाले भूकंप के 19 झटके महसूस किए गए।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

अहमदाबाद, सात दिसंबर गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक 1.7 से 3.3 तीव्रता वाले भूकंप के 19 झटके महसूस किए गए।

अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं मिली है।

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गांधीनगर स्थित भूकंप अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे ‘‘मानसून के कारण होने वाली भूकंपीय गतिविधि’’ बताया है, जो दो-तीन महीने की भारी बारिश के बाद गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के कुछ इलाकों में अकसर देखी जाती है।

उन्होंने कहा कि इसमें चिंतित होने वाली कोई बात नहीं है।

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आईएसआर के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार देर रात एक बजकर 42 मिनट से 19 बार भूकंप आया, जिनका केंद्र सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ जिले में तालाला के पूर्व-उत्तर-पूर्व (ईएनई) में दर्ज किया गया।

अधिकतर भूकंपों की तीव्रता तीन से कम थी, लेकिन छह बार तीन से अधिक तीव्रता का भूकंप आया। इनमें से सोमवार सुबह तीन बजकर 46 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई, जिसका केंद्र जिले में तालाला से 12 किलोमीटर ईएनई में था।

अधिकारी ने बताया कि आखिरी भूकंप का झटका सोमवार सुबह नौ बजकर 26 मिनट पर महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। इसका केंद्र तालाला से 11 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में था।

उन्होंने बताया कि 19 में से तीन भूकंपों की तीव्रता 3.1 मापी गई।

आईएसआर के निदेशक सुमेर चोपड़ा ने कहा, ‘‘यह मॉनसून के कारण होने वाली भूकंपीय गतिविधि है। जब मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश होती है, तो बारिश के दो-तीन महीने बाद इस प्रकार के भूकंप के झटके आते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भूकंप की तीव्रता अलग-अलग होती है, लेकिन गिर सोमनाथ जिले में तालाला के अलावा पोरबंदर एवं जामनगर में भी इस अवधि में आम तौर पर भूकंप आते हैं। जामनगर में पहले इस प्रकार की गतिविधियां देखी गई हैं, लेकिन अब ये कम हो गई हैं।’’

चोपड़ा ने कहा कि हाल में पोरबंदर में भी इस प्रकार की गतिविधियां देखी गई थीं, जो पहले नहीं हुई थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों की चट्टानों में दरारें पड़ गई हैं। जब पानी दरारों में भरता है, तो दबाव बनता है।’’

चोपड़ा ने कहा, ‘‘चट्टानों में पहले ही काफी दबाव होता है। पानी के कारण दबाव और बढ़ जाता है, जिसके कारण भूकंप आते हैं। ये मामूली गतिविधियां हैं और चिंता की कोई बात नहीं है।’’

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