पेशावर, 19 जुलाई पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में महात्मा बुद्ध की एक दुर्लभ आदमकद प्रतिमा को श्रमिकों ने हथौड़ों से तोड़ दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिमा गांधार सभ्यता से संबंधित थी और करीब 1,700 वर्ष पुरानी थी।
इस संबंध में शनिवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। प्रतिमा मर्दान जिले के तख्तबई तहसील में एक खेत में खुदाई के दौरान मिली थी और उसे एक स्थानीय मौलवी के आदेश पर नष्ट कर दिया गया।
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग प्रतिमा को हथौड़े से तोड़ते नजर आ रहे थे।
खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग के निदेशक अब्दुल समद खान ने रविवार को कहा कि प्रतिमा के टुटे हिस्सों को बरामद कर लिया गया है ताकि उसके पुरातत्व महत्व का आकलन किया जा सके।
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जाहिर तौर पर यह प्राचीन प्रतिमा है और हमने इसे खो दिया।
डॉन अखबार के अनुसार खान ने कहा कि प्रतिमा गांधार सभ्यता की थी और लगभग 1,700 साल पुरानी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उस क्षेत्र को घेर कर अपने कब्जे में ले लिया है।
खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व विभाग ने इस घटना के बारे में ट्वीट किया और ‘इंटरनेशनल उर्दू’ चैनल की एक खबर पोस्ट की जिसमें कहा गया कि यह मूर्ति कम से कम 1,700 साल पुरानी है।
खान ने मूर्ति तोड़े जाने को "अपराध" करार दिया और कहा कि "किसी भी धर्म का अनादर असहनीय है।’’
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