लखनऊ, 15 जुलाई उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के 1685 नये मामले सामने आये जबकि 29 और मरीजों की मौत के साथ मृतकों की संख्या बुधवार को एक हजार का आंकडा पार कर गयी ।
अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1685 नये मामले सामने आये। उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश में संक्रमण के उपचाराधीन मामलों की संख्या 14,628 है जबकि 25,743 लोग पूर्णतया उपचारित होकर अस्पतालों से छुटटी पा चुके हैं ।
प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 29 और लोगों की मौत हो गयी। इस प्रकार संक्रमितों में से 1012 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है ।
उन्होंने बताया कि पृथक वार्ड (आइसोलेशन वार्ड) में 14, 635 लोगों को रखा गया है, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में इलाज चल रहा है ।
प्रसाद ने बताया कि जिन लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर ज्यादा लक्षण नजर आते हैं, उन्हें भी पृथक वार्ड में रखा जाता है जबकि पृथकवास केन्द्रों में उन लोगों को रखा जाता है, जिनके बारे में संदेह होता है कि इन्हें वायरस का संक्रमण हो सकता है। ऐसे में उनके नमूने लेकर जांच की जाती है और उन्हें अस्पताल में नहीं बल्कि अलग 'केंद्र' में रखा जाता है । इस समय पृथकवास केन्द्रों में 4021 लोग हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में मंगलवार को जांच का एक नया मुकाम हासिल किया गया और कुल 45,302 नमूनों की जांच की गयी । इस प्रकार प्रदेश में अब तक 12,77,241 नमूनों की जांच हो चुकी है ।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि देश में सर्वाधिक जांच करने वाले राज्यों में हम तीसरे स्थान पर हैं। महीने—डेढ़ महीने पहले हमारा स्थान बहुत नीचे हुआ करता था। छह लाख जांच करने में हमें चार महीने लगे थे (24 जून तक)। उन्होंने बताया कि उसके बाद के छह लाख जांच केवल 20 दिन में पूरे किये गये।
उन्होंने बताया कि जांच की संख्या में तमिलनाडु और महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश से आगे हैं और उम्मीद जताई कि प्रदेश जल्दी ही दूसरे स्थान पर आ सकता है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में जांच क्षमता में काफी बढ़ोतरी की गयी है और जांच की स्थिति में अप्रत्याशित सुधार हुआ है ।
प्रसाद ने बताया कि प्रति संक्रमित मामले के हिसाब से जांच के मामले में भी हम बहुत अच्छी स्थिति में आ गये हैं। बड़े राज्य जैसे तमिलनाडु और महाराष्ट्र, जहां बहुत ज्यादा मामले हैं, हम प्रति संक्रमित मामले के लिहाज से उनसे अधिक संख्या में जांच कर रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि पूल टेस्टिंग के माध्यम से मंगलवार को पांच- पांच सैम्पल के 2,666 पूल लगाये गये, जिनमें से 336 पूल संक्रमित निकले जबकि दस-दस नमूनों के 343 पूल लगाये गये, जिनमें से 73 पूल संक्रमित पाये गये।
प्रसाद ने बताया, “निगरानी का कार्य निरंतर चल रहा है। हमारी टीमों ने 28, 560 निषिद्ध क्षेत्रों में कार्य किया है। 'डोर टू डोर' सर्वे का बुधवार को आखिरी दिन है । दो जुलाई से 12 जुलाई के बीच मेरठ से इसकी शुरूआत की गयी थी । उसके बाद 17 अन्य मंडलों में पांच जुलाई से शुरू किया था और यह प्रक्रिया 15 जुलाई तक चलनी थी, जो बुधवार को समाप्त हो रही है।”
अपर मुख्य सचिव ने 13 जुलाई तक के आंकडे पेश करते हुए बताया कि 4,00,79,581 घरों का 'डोर टू डोर' सर्वे किया गया और सर्वे करने वाली टीमों ने हर घर पर चाक से मार्क लगाया, स्टिकर लगाये। अब तक 18, 73,88,355 लोगों की आबादी इसके दायरे में आ चुकी है। उन्होंने कहा, “हम पहले से बीमार लोगों, मसलन जिन्हें मधुमेह, हृदयरोग, उच्च रक्तचाप, किडनी, लीवर की बीमारी से ग्रस्त लोगों का ब्योरा भी दर्ज कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि इस आंकड़े को 'डिजिटाइज' (डिजिटलीकरण) किया जा रहा है। कोविड में सावधान करने के लिए तो इस जानकारी का इस्तेमाल हो ही रहा है, गैर संक्रामक रोगों के विभाग से भी इसे साझा किया जाएगा ताकि उनकी बीमारियों का प्रबंधन भी शुरू किया जा सके।
प्रसाद ने बताया कि पूरे प्रदेश में कोविड हेल्प डेस्क का बड़ा नेटवर्क तैयार हो गया है। सभी कार्यालयों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कोविड डेस्क स्थापित की गयी है । जहां लोगों का ज्यादा आवागमन होता है, वहां भी कोविड हेल्प डेस्क बनायी गयी है । अब तक कुल 52, 418 डेस्क स्थापित की जा चुकी है। जहां इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स आक्सीमीटर से प्रारंभिक स्क्रीनिंग की जा सकती है ।
उन्होंने बताया कि कोविड हेल्प डेस्क की मदद से 21, 303 ऐसे मामले मिले हैं, जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कोई ना कोई लक्षण पाया गया है ।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप का लगातार इस्तेमाल हो रहा है और इसके माध्यम से जिन लोगों को एलर्ट आता है, उन्हें स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फोन कर हालचाल लिया जाता है । अब तक ऐसे 2,56, 500 लोगों को फोन किया जा चुका है ।
अमृत
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