देश की खबरें | बिहार में सामने आये कोरोना संक्रमण के 1659 मामले

पटना, पांच जनवरी बिहार में बुधवार को कोरोना वायरस के 1659 मामले सामने आये जो पिछले छह महीने में इस संक्रमण के सबसे अधिक मामले हैं।

बुधवार को नए मामलों की संख्या एक दिन पहले की तुलना में लगभग दोगुनी हो जाने के साथ उपचाराधीन मरीजों की संख्या 3881 पर पहुंच गयी।

स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभागों के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने संवाददाताओं के साथ आंकड़ों को साझा करते हुए बताया कि केवल 63 रोगी अस्पताल में हैं जबकि शेष घरों में ही पृथक-वास कर रहे हैं ।

उन्होंने कम संख्या में अस्पताल में कोविड-19 मरीजों की भर्ती होने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के टीका लगाये जाने की एक वजह होने की संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि टीके पूरी तरह से इस बीमारी से रक्षा नहीं कर सकते हैं लेकिन वे संक्रमण की गंभीरता के खिलाफ एक बचाव के रूप में काम कर सकते हैं।

अमृत ने लोगों से अपने बच्चों का टीकाकरण कराने का भी आग्रह किया और बताया कि सोमवार से अब तक राज्य में साढ़े चार लाख नाबालिगों का टीकाकरण किया गया ।

बिहार में आमीक्रोन के केवल एक पुष्ट मामले के बारे में पूछे जाने पर अमृत ने कहा, ‘‘हमारी पहली जीनोम सीक्वन्सिंग सुविधा दो दिन पहले चालू हो गई है। रिपोर्ट आने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। अब तक के संक्रमण के सामान्य व्यवहार से पता चलता है कि वर्तमान वृद्धि का काफी हद तक कारण ओमीक्रोन है, हालांकि कुछ मामले डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट के भी हो सकते हैं।’’

इस बीच कोरोना संक्रमण से प्रदेश में अबतक हुई मौत को लेकर राज्य सरकार द्वारा एक नया आंकड़ा जारी किया गया है जिसमें 13786 लोगों की मौत की पुष्टि होने की बात कही गयी है।

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने यह आंकड़ा साझा करते कहा कि मरने वालों की संख्या में वृद्धि लोगों से प्राप्त 1699 नए आवेदनों के आधार पर किया गया ।

पांडे ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साल प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया था जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक निर्देश के अनुसार प्रत्येक लाभार्थी को 50000 रुपये अन्य राशि का भुगतान किया जाएगा।

इसके लिए राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार आकस्मिकता कोष से 125 करोड़ रुपये जारी करने को बुधवार को मंजूरी दी।

अनवर

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