लखनऊ, 11 मई उत्तर प्रदेश में सोमवार को कोविड-19 संक्रमण के 109 नये मामले सामने आए।
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक सोमवार शाम छह बजे तक प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के 109 नये मामले सामने आए हैं। इनमें आगरा में सबसे ज्यादा 14 और मेरठ में 13 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक आए कुल मामलों की संख्या 3573 हो गई है, जिनमें से 1758 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं।
राज्य में कोविड-19 से संक्रमित 80 लोगों की मौत हुई है। इनमें आगरा के सबसे ज्यादा 24 लोग शामिल हैं। इसके अलावा मेरठ के 13, मुरादाबाद के सात, कानपुर नगर के छह और मथुरा तथा फिरोजाबाद के चार-चार लोग शामिल हैं।
इसके पूर्व, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ''60 साल से उपर के लोग, जिनके बारे में हम कहते हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा बचाना है, कुल मामलों में से 8 . 1 प्रतिशत मामले इस आयुवर्ग के लोगों के हैं।''
उन्होंने कहा, ''40 से 60 वर्ष आयु के लोगों के 25 . 5 प्रतिशत मामले हैं। 20 से 40 वर्ष के लोगों में जो संक्रमित हुए, उनका आंकडा 48 . 7 प्रतिशत है जबकि 20 वर्ष से कम आयु के 17 . 7 प्रतिशत मामले हैं।''
प्रसाद ने बताया कि संक्रमित पुरूषों का प्रतिशत 78 . 5 है जबकि महिलाओं की संख्या 21 . 5 प्रतिशत है ।
उन्होंने कहा कि जो लोग 'आरोग्य सेतु' ऐप का लगातार उपयोग कर रहे हैं, उनके लिए जो भी एलर्ट आ रहे हैं, हम लोगों को भेज रहे हैं। एक समानान्तर व्यवस्था भी की गयी है। जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं, उन्हें लगातार हमारे नियंत्रण कक्ष से फोन किया जा रहा है । अब तक 2058 ऐसे लोगों को फोन किया जा चुका है और उनमें से नौ कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। इस समय उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि बाकी लोगों को हम नियंत्रण कक्ष के माध्यम से बता रहे हैं कि वे सावधान रहें। अपनी सेहत का लगातार मूल्यांकन करें। ढेर सारे लोगों ने बताया कि उनकी तबियत अब ठीक है ।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया जा सकता है, जहां खांसी, सांस लेने में दिक्कत या बुखार जैसे लक्षणों को लेकर सलाह ले सकते हैं । जरूरत पडी तो विशेषज्ञ बताएंगे कि जाकर जांच कराइये और अगर संक्रमण पाया गया तो चिकित्सा की व्यवस्था भी होगी । जांच और चिकित्सा की व्यवस्था सरकार की ओर से मुफ्त की गयी है ।
प्रसाद ने कहा कि इस समय बडी संख्या में प्रवासी कामगार प्रदेश में आ रहे हैं । ऐसे प्रदेशों से भी कामगार आ रहे हैं, जहां ये संक्रमण फैला हुआ है । कुछ लोगों के संक्रमित होने की सूचना भी आ रही है । इसके लिए हमने जो सार्वजनिक निगरानी का माडल दिया है, उसका बहुत सही उपयोग होना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि गांवों में ग्राम निगरानी समितियां हैं जो ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में बनी हैं जबकि शहरों में सभासद की अध्यक्षता में मोहल्ला निगरानी समितियां बनायी गयी हैं। इन्हें मजबूती से काम करना है ताकि जो भी बाहर से आ रहे हैं, वे घर पर पृथक रहने के दौरान नियमों का कड़ाई से पालन करें। जिनमें लक्षण आ रहे हों, उनका परीक्षण कराकर, अगर संक्रमण है तो अस्पतालों में भर्ती कराया जाए ।
प्रसाद ने कहा कि अगर संक्रमण नहीं है तो सात दिन पृथक रह कर, फिर परीक्षण कराकर 14 दिन के घर पर पृथकवास में भेजेंगे । कोई भी प्रवासी रेलवे स्टेशन से सीधे घर नहीं भेजा जाएगा । पहले आश्रय स्थल ले जाएंगे । लक्षण रहित होने पर 21 दिन के घर पर पृथक रखा जाएगा । ऐसे में सार्वजनिक निगरानी अत्यंत आवश्यक है ।
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