अमेरिका में तीन हफ्तों में 1.68 करोड़ लोगों की नौकरियां गई

इस बीच, दुनिया भर के धार्मिक नेताओं ने बृहस्पतिवार को लोगों से गुड फ्राइडे और ईस्टर अपने-अपने घरों में ही मनाने की अपील की।

वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन लंदन के एक अस्पताल से गहन चिकित्सा इकाई से बाहर आ गये हैं, जहां वह संक्रमण के इलाज के लिये रखे गये थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से उनका देश सबसे गंभीर संकट में है।

विभिन्न देशों की सरकारों ने चेतावनी दी है कि सामाजिक मेल जोल से दूर रहने के निर्देशों में सप्ताहांतों में ढील दे कर संक्रमण को रोकने की दिशा में अब तक हासिल की गई उपलब्धि को जोखिम में नहीं डाला जाए।

समूचे यूरोप में ईस्टर का अवसर यात्रा के लिये सबसे व्यस्त समय होता है। हालांकि अधिकारियों ने सड़कों पर अवरोधक लगाये हैं और लोगों को मिलने जुलने से हतोत्साहित किया जा रहा है।

ब्रिटेन और न्यूयार्क में मरने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि और जापान में संक्रमण के नये मामले बढ़ने तथा भारत के घने बसे शहरों में तेजी से संक्रमण बढ़ने से यह स्पष्ट हो गया है कि लड़ाई अभी खत्म होने से दूर है।

न्यूयार्क में लगातार तीसरे दिन मृतकों की संख्या 800 के करीब रही। राज्य में अब तक 7,000 लोगों की मौत हुई है, जो अमेरिका में हुई 16,000 मौतों की करीब आधी संख्या है।

न्यूयार्क के गवर्नर एंड्रीयू कुओमो ने कहा, ‘‘यह स्तब्ध करने वाला और दुखद है। मेरे पास इसके लिये शब्द नहीं हैं।’’

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ उम्मीद की किरण भी नजर आ रही है क्योंकि अस्पताल में भर्ती किये जा रहे, आईसीयू में रखे जा रहे और वेंटीलेटर पर रखे जा रहे संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में कमी आई है।

उन्होंने कहा कि करीब 18,000 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है जबकि समूचे राज्य के अस्पतालों में कुल 90,000 बेड हैं जिनमें से कई तो आनन फानन में कंवेंशन सेंटर और नौसेना के जहाज पर तैयार किये गये हैं।

जॉन होपकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक दुनिया भर में मृतकों की कुल संख्या 95,000 को पार कर गई है जबकि संक्रमण के मामले लगभग 16 लाख पहुंच गये हैं। हालांकि, वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि मृतकों की गिनती के लिये अलग-अलग नियम हैं और कुछ सरकारें मृतकों की संख्या दबाने की भी कथित कोशिश कर रही है।

अमेरिकी सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते 66 लाख कामगारों ने बेरोजगारी भत्ते के लिये आवेदन दिया था। इसके पहले दो हफ्तों में एक करोड़ से अधिक लोगों ने भत्ते के लिये आवेदन किया था। इन आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि हर 10 अमेरिकी में एक व्यक्ति ने भत्ते के लिये आवेदन किया है।

विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के 1948 से रिकार्ड रखना शुरू करने के बाद से पहली बार इतनी अधिक संख्या में नौकरियां गई हैं।

साथ ही, अभी नौकरियों में और भी कटौती किये जाने की संभावना है।

अप्रैल महीने में अमेरिकी बेरोजगारी दर 15 प्रतिशत पहुंच सकती है--इतनी अधिक दर 1929 की महामंदी के बाद नहीं देखी गई है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) प्रमुख ने चेतावनी दी है कि महामंदी के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर की ओर बढ़ रही है।

संयुक्त राष्ट्र के श्रम संगठन ने कहा है कि दूसरी तिमाही में 19.5 करोड़ नौकरियां जाने की आशंका है। वहीं, वित्तीय मदद उपलब्ध कराने वाले संगठन ऑक्सफाम इंटरनेशनल ने अनुमान लगाया है कि दुनिया भर में आधे अरब लोग गरीबी के दुष्चक्र में जा सकते हैं।

अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउसी ने इन उम्मीदों को खारिज कर दिया है कि गर्मियां बढ़ने पर संकट खत्म हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी को यह नहीं मानना चाहिए कि हम मौसम बदलने से बचने जा रहे हैं।’’

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