चीन और रूस से हुई लड़ाई तो अमेरिका हार जाएगा: अमेरिकी संसदीय पैनल
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चीन और रूस जिस तरीके से लगातार अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहे हैं, वह सीधे तौर पर अमेरिका को टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं. इस बात को तो अब दुनिया भी जानती है कि अमेरिका, रूस और चीन में भले खुले तौर पर एक दूसरे देख के मुस्कराते हो लेकिन अंदर इनके कड़वाहट भरी पड़ी है. इसी बीच अमेरिका के संसदीय पैनल ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में चेताया है कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य संकटों का सामना कर रहा है, और वह रूस तथा चीन के खिलाफ होने वाले युद्ध में हार सकता है.

बता दें कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक पार्टी के दर्जनों पूर्व अधिकारियों के इस पैनल ने पाया कि एक ओर जहां अमेरिकी सेना बजट में कटौती का सामना कर रही है और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं में कमी आ रही है, वहीं चीन और रूस जैसे देश अमेरिकी ताकत के साथ संतुलन कायम करने के लिए अपनी शक्ति बढ़ा रहे हैं. आयोग का कहना है कि अमेरिका की सैन्य श्रेष्ठता, जो दुनिया में उसकी ताकत का लोहा मनवाती है और राष्ट्रीय सुरक्षा, बेहद खतरनाक डिग्री तक खराब हुई है.

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कांग्रेस ने राष्ट्रीय रक्षा रणनीति आयोग को यह जिम्मेदारी दी है कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रीय रक्षा रणनीति (एनडीएस) का अध्ययन करे. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति मॉस्को और बीजिंग के साथ शक्ति पाने की नई होड़ को रेखांकित करती है. चीन और रूस जिस तरीके से लगातार अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहे हैं, वह सीधे तौर पर अमेरिका और उसके सहयोगियों के सैन्य वर्चस्व के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. चीन जमीन से लेकर हवा और पानी में भी अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है.

चीन ने पिछले 15 सालों में उसने लड़ाकू जलपोत, युद्ध-पोत और पनडुब्बियां का काफी निर्माण किया है. वहीं ग्लोबल फायरपावर के अनुसार अमेरिका का कुल रक्षा बजट 581 अरब डॉलर का है. रूस को इस सूची में दूसरा स्थान दिया गया है. रूस का कुल रक्षा बजट 46 अरब डॉलर का है.