उत्तरी सागर को ग्रीन एनर्जी का पावरहाउस बनाएंगे ये देश
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स समेत आठ यूरोपीय देशों के नेताओं और मंत्रियों ने उत्तरी सागर को पवन ऊर्जा का पावरहाउस बनाने की शपथ ली है. 2050 तक उत्तरी सागर और आसपास में 10 गुना ज्यादा पवन ऊर्जा पैदा की जाएगी.इस सिलसिले में सोमवार को बेल्जियम के ओस्टेंड पोर्ट पर आठ देशों के नेताओं और मंत्रियों की बैठक हुई. बैठक में जर्मन चांसलर शॉल्त्स ने कहा, "नॉर्थ सी के रूप में हमारे दरवाजे पर एक तरह से ऊर्जा का पावरहाउस है." इस बैठक में जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, नॉर्वे, ब्रिटेन, आयरलैंड और लग्जमबर्ग ने हिस्सा लिया.

बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया कि ये देश 2050 तक पवन ऊर्जा की क्षमता 300 गीगावाट तक बढ़ाना चाहते हैं. बेल्जियम के प्रधानमंत्री आलेक्सांडर डे क्रू का कहना है कि इतनी ऊर्जा से 30 करोड़ घरों को बिजली दी जा सकेगी. डे क्रू ने यह भी कहा, "यूरोपीय के रूप में हमें अपने भाग्य को अपने हाथ में लेना होगा."

अंतिम लक्ष्य क्लाइमेट न्यूट्रैलिटी

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेयर लायन ने इस मौके पर कहा कि यूरोप में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन का विस्तार, "हमें हमारी जरूरत के सारे संसाधन देगा, जिनके दम पर हम क्लाइमेट न्यूट्रैलिटी के मार्ग पर आगे बढ़ सकेंगे." संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि नॉर्थ सी में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन का भी विकास किया जाएगा.

बैठक के मेजबान डे क्रू ने कहा कि मानकीकरण, सहयोग और एक-दूसरे के साथ जुड़े सप्लाई चेन लक्ष्य को हासिल करने और नए विंड पार्क बनाने के लिए जरूरी हैं.

ऊंची उड़ान वाली पतंगों सो पवन ऊर्जा को पकड़ने की कोशिश

2022 में नॉर्थ सी के विंड फार्मों की क्षमता मोटे तौर पर 30 गीगावाट दर्ज की गई. इसमें 8 गीगावाट बिजली बनाने वाली कंपनी विंड यूरोप ने यह जानकारी दी. शॉल्त्स का कहना है कि नई जगहों की खोज, परमिट जारी करने या प्लांट और ग्रिड के निर्माण में गंवाने के लिए समय नहीं था. जर्मन चांसलर ने तट से दूर ऊर्जा क्षमताओं को देश में औद्योगिक इलाकों से जोड़ने की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने बिजली को "यूरोप की जीवनरेखा" बताया.

कई और समझौतों पर दस्तखत

बीते सालों में सागर तट से दूर पवन ऊर्जा के विकास की रफ्तार जर्मनी और यूरोपीय संघ में धीमी रही है. बैठक में शामिल देशों के ऊर्जा मंत्रियों ने एक अलग घोषणापत्र पर भी दस्तखत किए हैं. इसमें जर्मनी ने 2045 तक नॉर्थ सी में तट से दूर कम से कम 55 गीगावाट ऊर्जा पैदा करने की बात कही है.

इसी तरह ब्रिटेन ने खुद अपने लिए 2030 तक 50 गीगावाट का लक्ष्य तय किया है, तो बेल्जियम ने 2040 तक 8 गीगावाट का लक्ष्य रखा है. लग्जमबर्ग नॉर्थ सी से दूर है, इसलिए उसने इन परियोजनाओं में पैसा लगाने का वचन दिया है. इस दौरान ऊर्जा मंत्रियों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर भी कुछ योजनाओं पर दस्तखत किए हैं.

जर्मनी नीदरलैंड्स के साथ मिलकर 10 गीगावाट का विंड फार्म बनाएगा. ब्रिटेन ने भी तीन और देशों के साथ मिलकर नॉर्थ सी के विंड फार्मों को कनेक्ट करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी लिंक बनाने की योजना बनाई है. इस बैठक में 100 से ज्यादा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है.

एनआर/वीएस (डीपीए)